चीन जापान से लेकर श्रीलंका तक तेजी से अपने पंख फैलाने में लगा हुआ है। उसकी मंशा देखकर तमाम देश उसे लेकर बहुत हद तक सतर्क हैं। जापानी पक्ष ने सोमवार को कहा कि चीनी युद्धपोतों ने बीते साल करीब 323 बार उनके जलक्षेत्र का अतिक्रमण किया था। जबकि सन् 2020 में अतिक्रमणों की यह संख्या 322 थी।
वहीं, ड्रैगन भी श्रीलंका में तेजी से अपना दायरा बढ़ा रहा है। इसके लिए ड्रैगन ने श्रीलंका के उन क्षेत्रों को चुना है, जिन पर लोगों का ध्यान गया है। वह अब अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत श्रीलंका को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान बनाना चाहते हैं। उसकी मंशा सिर्फ यहीं नहीं है, बल्कि इसके जरिए वह हिंद महासागर में भी अपनी मौजूदगी का उपयोग करना चाहता है और भारत पर नजर गढ़ाना चाहता है।
पालिसी रिसर्च संगठन के एक लेख में यहां तक कहा गया है कि श्री लंका तेजी से अपने पंख फैलाने में लगा हुआ है। इसमें ये भी कहा गया है कि हाल ही में श्रीलंका में मौजूद चीन के राजदूत की झेंगहोंग ने उत्तरी प्रांत के तमिल बहुल इलाके का दौरा किया था। ये दौरा 25 दिसंबर से पहले किया गया था। बताया जा रहा है कि चीन श्री लंका में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहता है। बताया जा रहा है कि ड्रैगन कब्जाने के लिए कर रहा तैयारी?