उत्तर प्रदेश॥ यूपी के सीएम योगी ने अपने सरकारी आवास पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड आटोमेटिक कोविड-19 डायग्नोस्टिक टूल लांच किया। इसके अंतर्गत एक्स-रे चेस्ट इमेजेज़ की कोरोना वायरस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड प्री-स्क्रीनिंग की जाती है, जिससे मरीज में इस संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य सम्बन्धी चुनौतियों से निपटने के लिए नये शोध की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण सम्पूर्ण विश्व के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के दृष्टिगत तकनीकी और मेडिकल संगठनों के लिए यह अवसर है कि वे ऐसी डिवाइसेज़ विकसित करें, जो पीड़ितों की पहचान व उपचार में मददगार साबित हों।
सीएम योगी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में कोरोना, ए0ई0, डेंगू, स्वाइन फ्लू इत्यादि के वैक्सीन विकसित करने के लिए गहन शोध की जरूरत है। उन्होंने किसी भी मरीज की बिना सम्पर्क के जांच करने से सम्बन्धित मल्टिपिल डिवाइसेज़ विकसित करना आज की जरूरत है। आक्सीमीटर, थर्मामीटर इत्यादि जैसे विभिन्न उपकरणों को शामिल करते हुए एक मल्टी मोडल डिवाइस की जरूरत भविष्य में महसूस की जाएगी। अतः चिकित्सा क्षेत्र के शोधकर्ताओं को विभिन्न डिवाइसेज़ को जोड़कर एक संयुक्त डिवाइस विकसित करने पर कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड आटोमेटिक कोविड-19 डायग्नोस्टिक टूल के सम्बन्ध में कहा कि यह डिवाइस कोरोना से लड़ने में सहायक साबित हो सकती है। ये एक अच्छा प्रयास है। इसमें लोगों को अलर्ट देने की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भिन्न-भिन्न हॉस्पिटिलों में रोगियों के चेस्ट के डिजिटल एक्स-रे इस टूल में उपयोग हेतु शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।