चीन के वुहान से फैले कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व के लोगों की जिंदगियां नरक बना दी। ऐसा शायद ही कोई देश हो जहां पर इस भयावह वायरस ने कहर न बरपाया हो। अब जहां कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद लोगों को थोड़ी उम्मीद जगने लगी थी कि उनकी जिंदगी पहले की तरह आम हो जाएगी। इस बीच इंसानी विश्व के लिए फिर से खतरे की घंटी बज गई है। इबोला का पता लगाने वाले डॉ. जीन जैक्स मुएंब तामफम ने एक चेतावनी जारी की है। डॉ. तामफम के मुताबिक ‘डिजीज-एक्स’ अधिक घातक है।
डिजीज-एक्स नामक ये बीमारी कोविड-19 के मुकाबले अधिक तेजी से फैलती है। इससे मरने वालों की तादाद इबोला की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक अधिक हो सकती है। डॉ तामफम ने कहा कि आज हम एक ऐसी विश्व में रह रहे हैं, जहां नए वायरस बाहर आएंगे। ये वायरस हर लिहाज से मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे। ऐसे में भविष्य में आने वाली महामारी कोविड-19 से अधिक भयावह होने के साथ-साथ अधिक तबाही मचाने वाली होगी।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार साइंटिस्टों वे बताया कि ‘डिजीज-एक्स’ महामारी मौजूदा दौर में एक परिकल्पना है, लेकिन अगर यह फैलती है तो इससे पूरे विश्व में बड़ी तबाही आएगी। पूरे विश्व में इसे फैलने से रोकने में बहुत परेशानियां आएंगी। इबोला वायरस का जब पहली बार पता चला तो यामबूकू मिशन हॉस्पिटल में 88 प्रतिशत मरीजों और 80 प्रतिशत कर्मचारियों की मौत हो गई थी।