ईंधन के बढ़ते दामों पर सरकार का कंट्रोल नहीं है, क्योंकि पेट्रोल और डीजल दोनों ही वैश्विक बाजार से रेगुलेट होते हैं। इसलिए सरकार इनके दाम कम नहीं कर सकती है। मगर सरकार एक काम अवश्य कर सकती है, पेट्रोल की जगह कोई ऐसा ईंधन का उपयोग शुरू कर दे जो बहुत सस्ता हो।
हम जिस ईंधन की बात कर रहे हैं उसका नाम एथनॉल है। सरकार अगले सात आठ दिनों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर बड़ा निर्णय लेने जा रही है। ऐसे इंजन को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए अनिवार्य बनाया जाएगा। फ्लेक्स फ्यूल का अर्थ हुआ Flexible Fuel, यानी ऐसा ईंधन जो पेट्रोल की जगह ले और वो है एथनॉल।
आपको बता दें कि ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया कि इस वैकल्पिक ईंधन की कीमत 60-62 रुपये प्रति लीटर होगी, जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा है। इसलिए एथनॉल के उपयोग से देश के लोग प्रति लीटर 30-35 रुपये की बचत कर पाएंगे।