नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। आज 10,000 से कम नए केस आने से तीसरी लहर के न आने की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले 24 घंटे में एक ओर 9,283 नए मामले आये। वहीं 10,949 लोग रिकवर हुए हैं। ऐसे में एक्टिव केसों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। अब एक्टिव केसों की संख्या मात्र 1,11,481 ही रह गयी है। यह आंकड़ा पिछले 537 दिन यानी लगभग डेढ़ साल में सबसे कम है। इसके साथ ही रिकवरी रेट भी 98.33 फीसदी पर पहुंच गया है जो बीते साल मार्च के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि शायद अब देश में कोविड-19 की तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका काफी कम रह गयी है कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी। उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरह से कोरोना का मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है उससे साफ लग रहा है कि वैक्सीन से लोगों की रक्षा हो रही है और बूस्टर डोज की आवश्यकता नहीं है।
एम्स चीफ ने ये बातें आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव की पुस्तक ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन- द इनसाइड स्टोरी’ की लॉन्चिंग के अवसर पर कही। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जिस प्रकार से वैक्सीन के असर की वजह से संक्रमण की रफ्तार थमी और अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है। उसे देखकर कहा जा सकता है के तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसा होता भी है तो शायद यह पहली और दूसरी लहर की तरह खतरनाक नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि बीतते समय के साथ यह महामारी सामान्य बीमारी में तब्दील हो जाएगी और इसकी घातकता कम हो जाएगी। बूस्टर डोज के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि फिलहाल जिस तरह से मामलों में कमी देखने को मिल रही है उससे ऐसा नहीं लगता है के बूस्टर डोज की जरूरत है।