अब जम्मू कश्मीर में भी लागू हुआ मोदी सरकार का ये कानून, सुनते ही मुस्लिमों के…

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नई दिल्ली॥ नागरिकता एक्ट (सीएए) पर केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने साफ किया कि ये ACT J&K में भी लागू होगा और रोहिंग्या शरणार्थियों को येां से जाना ही होगा। उन्होंने बताया कि रोहिंग्या को J&K से जाना होगा और हम उनके निर्वासन को लेकर पूरी तैयारी करेंगे।

मोदी सरकार मंत्री ने कहा कि रोहिंग्या J&K में कैसे आ गए। ऐसा क्यों किया गया। क्या उन्हें जम्मू में जम्मू की जनसांख्यिकी बदलने के मकसद से लाया गया था? इन सबकी जांच होनी चाहिए। J&K में नागरिकता एक्ट को लागू किए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जिस दिन नागरिकता एक्ट कानून संसद से पास कर दिया गया उसी दिन से यहां पर ये लागू़ हो गया था।

सरकार का अगला कदम रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन के बारे में होगा ताकि वे नागरिकता के नए कानू़न के अंतर्गत अपने आप को सुरक्षित न कर सकें। उन्होंने इस बात की जांच कराने की मांग की कि कैसे रोहिंग्या शरणार्थी कैसे वेस्ट बंगाल के कई क्षेत्रों से होते हुए कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र में आकर बस गए।

मोदी सरकार ने कहा कि जिस दिन संसद में नागरिकता एक्ट कानून पारित हो गया उसी दिन जम्मू और कश्मीर में ये लागू भी हो गया। J&K में सीएए को लागू करने को लेकर कोई अगर-मगर नहीं है। अब येां पर अगला कदम रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन को लेकर होगा।

केंद्रीय मंत्री ने सामान्य निधि नियमों पर J&K के अफसरों के 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में माना कि जम्मू क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। जीतेंद्र सिंह ने कहा कि उनके (रोहिंग्याओं) निर्वासन की योजना क्या होगी, इस बारे में केंद्र में मामला विचाराधीन है। सूची तैयार की जाएगी। जहां भी जरूरत होगी, बॉयोमेट्रिक पहचान पत्र दिए जाएंगे, क्योंकि नागरिकता एक्ट रोहिंग्या को किसी तरह का कोई लाभ प्रदान नहीं करता।

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उन्होंने कहा कि वे उन 6 (धार्मिक) अल्पसंख्यकों (जिन्हें नए कानून के अंतर्गत नागरिकता दी जाएगी) से संबंधित नहीं हैं। न ही वे उन 3 (पड़ोसी) देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में से किसी से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या समाज के लोग म्यांमार से भारत आए और इसलिए उन्हें वापस जाना होगा।

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