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जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी फौज के बीच बड़ी झड़प हुई थी. इसे 40 वर्षों में सबसे घातक मुठभेड़ माना जाता है। इसे लेकर तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बड़ा खुलासा किया है, इसे लेकर देश में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे थे.

इस घटना का जिक्र तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने अपनी आत्मकथा में किया है. चीनी सैनिकों ने टैंकों के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। सरकार ने इंडियन आर्मी को गलवान घाटी की स्थिति से निपटने के लिए खुली छूट दे दी थी और उसे जो भी उचित हो, करने का आदेश दिया था। जनरल एमएम नरवणे ने इस स्थिति से कैसे निपटा, इसका जिक्र उनकी किताब में है।

सेवानिवृत्त सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने अपनी आत्मकथा 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में 31 अगस्त 2020 की रात का जिक्र किया है। नरवणे के लिए यह रात आसान नहीं थी, उस रात उन्हें रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, एनएसए और रक्षा कर्मियों के लगातार फोन आ रहे थे, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ रही थीं।

नरवणे ने अपनी किताब में लिखा, ''उस रात मैंने सबसे पहले रक्षा मंत्री को फोन किया और उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी. फिर उन्होंने कहा कि वह मुझसे संपर्क करेंगे और फिर रात करीब 10.30 बजे मुझे फोन आया. रक्षा मंत्री ने मुझे फोन किया. उन्होंने मुझसे कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है और बोला है आपको जो सही लगे वही करें।

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