नई दिल्ली: मानव शरीर में दो गुर्दे होते हैं। एक सामान्य बच्चे के जन्म के साथ ही उसकी दो किडनी होती है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, यदि आपके पास एक गुर्दा है, तो भी आपका जीवन सामान्य रूप से चल सकता है। अब हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताते हैं जहां ज्यादातर लोगों की एक ही किडनी है। जी हां, सिर्फ एक किडनी के बारे में सुनकर आप हैरान रह गए होंगे। लेकिन यही हकीकत है। इस गांव के पुरुष हो या महिलाएं एक ही किडनी पर जिंदगी जी रहे हैं। सैकड़ों लोगों के शरीर में एक ही किडनी होती है। अब आप इसका कारण जानने की कोशिश कर रहे होंगे तो हम आपको बता दें कि इसका कारण खाने की थाली है।
जिस गांव में लोगों की एक ही किडनी होती है और उसकी मदद से वह अपना जीवन यापन कर रहे होते हैं, वह गांव अफगानिस्तान में मौजूद है। इस देश का हेरात शहर बहुत प्रसिद्ध है। इस शहर में एक ऐसा गांव है जहां एक किडनी वाले लोग रहते हैं। अगर आप इस गांव का नाम जानना चाहते हैं तो वह है शेनशायबा बाजार। यदि आप गांव शेनशायबा बाजार में जाकर लोगों से मिलें तो सामने से भले ही वे आपको सामान्य दिखें लेकिन उनका शरीर सामान्य नहीं है। उसके शरीर में केवल एक किडनी है। एक या दो लोगों के साथ ऐसा नहीं है, बल्कि हर घर की कहानी एक जैसी है। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर उनके शरीर में एक ही किडनी क्यों है। शेनशायबा बाजार गांव में लोगों की एक किडनी होने का कारण भी हैरान करने वाला है। यह कारण जानने के बाद आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। दरअसल, इस गांव के लोगों के एक किडनी होने का कारण कोई शारीरिक विकृति नहीं है, बल्कि इसका कारण खाने की थाली से जुड़ा है जो एक बड़ी मजबूरी है.
दरअसल यहां के लोग भुखमरी के शिकार हैं. उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। इसी वजह से ये लोग अपनी दो में से एक किडनी बेच देते हैं। किडनी बेचकर जो पैसा मिलता है, उससे ये लोग अपने लिए दो वक्त के खाने का जुगाड़ कर लेते हैं। इन लोगों के पास किडनी बेचने के अलावा कोई चारा नहीं है। इस गांव के लोग पहले से ही बदहाल थे। वहीं तालिबान के राज में आने के बाद से उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है. उनके पास अपने परिवार का दो वक्त का पेट भरने के लिए भी पैसे नहीं हैं। इस वजह से इन लोगों को अपनी किडनी बेचने को मजबूर होना पड़ा है। उनके लिए किडनी को काला बाजारी में बेचना बहुत आसान है।
इन लोगों को किडनी के बदले दो लाख रुपए मिलते हैं जो अफगानी रुपए में ढाई लाख रुपए है। अपनी किडनी बेचकर जो पैसे मिलते हैं, उससे वे अपने परिवार में बच्चों के लिए खाना खरीदते हैं ताकि वे जीवित रह सकें। गांव की ज्यादातर महिलाओं और पुरुषों ने अपनी एक किडनी बेच दी है।