आर्टिकल 370 पर हिंदुस्तान को मिला इन 8 देशों को साथ, पाकिस्तान की हवा निकली!

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उत्तराखंड ।। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 खत्म करने के हिंदुस्तान के फैसले के बाद पाकिस्तान द्वारा मसले को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने की कोशिश की हवा निकलने लगी है। रूस समेत कई बड़े देशों ने इसे हिंदुस्तान का आंतरिक मामला बताया है।

मालदीव सरकार ने कहा कि हिंदुस्तान ने आर्टिकल 370 को लेकर जो फैसला किया है, वह उसका आंतरिक मामला है। सभी संप्रभू राष्ट्र के पास अधिकार है कि वह कानून में बदलाव कर सकता है।

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श्रीलंका जम्मू-कश्मीर से लद्दाख के अलग होने का रास्ता साफ हो गया है। लद्दाख की 70 फीसदी आबादी बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखती है। ऐसे में लद्दाख पहला हिंदुस्तानीय राज्य होगा, जहां बौद्ध बहुमत है। यह हिंदुस्तान का आंतरिक मामला है।बांग्लादेश अनुच्छेद 370 को हटाना हिंदुस्तान का आंतरिक मामला है, ऐसे में उसके पास किसी और के अंदरूनी मामलों पर बोलने का अधिकार नहीं है।

यूएई हम उम्मीद करते हैं कि बदलाव सामाजिक न्याय एवं सुरक्षा को बेहतर करेंगे और स्थानीय शासन में लोगों के विश्वास को बढ़ाएगा।

रूस रूस ने जम्मू-कश्मीर पर हिंदुस्तान द्वारा उठाए गए कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह हिंदुस्तानीय संविधान के दायरे में है और उसने उम्मीद जताई कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान आपसी मतभेदों को शिमला समझौते के आधार पर द्विपक्षीय स्तर पर सुलाएंगे।

अमेरिका सरकार ने कहा कि कश्मीर पर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है और उसने हिंदुस्तान और पाकिस्तान से शांति एवं संयम बरतने और सीधी बातचीत कर आपसी मतभेद दूर करने का आह्वान किया।

चीन की सरकार ने कहा कि वह हिंदुस्तान और पाकिस्तान को पड़ोसी मित्र मानता है और वह चाहता है कि दोनों संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के माध्यम से मुद्दे को सुलझाएं। हालांकि पाक मसले पर चीन का साथ मिलने का दावा कर रहा है।

ब्रिटेन हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे पर मध्यस्थता या हस्तक्षेप करना नहीं चाहता है और यही हमारा रुख है। उन्होंने कहा कि यह हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और हमें उम्मीद है कि इसका जल्द समाधान हो जाएगा।

फोटो- फाइल

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