28 जुलाई को आसमान को रोशन करेंगे दो उल्का पिंड, आप भी देख सकते हैं ऐसे

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नैनीताल। आगामी 28 जुलाई को अंतरिक्ष में एक दुर्लभ नजारा देखने को मिलने वाला है, इस खूबसूरत नज़ारे को बगैर किसी विशेष यंत्र के भी आसानी से देखा जा सकेगा। जी हाँ 28 जुलाई की रात एक नहीं बल्कि दो-दो उल्का बौछारें (मीटियर शावर) एक साथ अपने चरम पर पहुंच कर आकाश को रोशन करेंगे जो देखने में बेहद आकर्षक होगा।

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गौरतलब है कि बीते कई दिनों से चर्चित रहा विशालकाय ‘2008 जीओ 20’ एस्टेरॉयड पृथ्वी से सुरक्षित दूरी से गुजर गया। हालांकि दूरी बहुत अधिक दूरी होने के कारण लोग इसका दीदार नहीं कर पाए लेकिन 28 जुलाई की रात अंतरिक्ष में होने वाली एक दुर्लभ, अनोखी और आकर्षक घटना को लोग नंगी आंखों से भी सकेंगे। बता दें कि दक्षिणी डेल्टा एक्वेरिड्स और अल्फा कैप्रिकॉर्न्स दोनों उल्कापात इन दिनों अक्ष में सक्रिय हैं। जब कभी भी दो उल्कापात एक समय में सक्रिय होते हैं तो उनके पीक पर पहुंचने की तिथियों में कई दिन का अंतर रहता है लेकिन इस बार दो अलग-अलग उल्कापात एक ही तारीख को अपने पीक पर पहुंचेंगे।

वैज्ञानिको के मुताबिक वैसे तो 28 जुलाई की रात चंद्रमा लगभग 75 प्रतिशत की चमक आकाश में दिखेगा जिसकी वजह से इन उल्कापातों की चमक थोड़ी बाधित हो सकती है फिर भी अगर आसमान साफ रहा तो यह नजारा बेहद दर्शनीय होने वाला है। खास बात यह है कि वर्ष का सर्वाधिक आकर्षक माना जाने वाला परसीड उल्कापात भी 17 जुलाई से शुरू हो चुका है।

क्या होती हैं उल्काएं

उल्काएं अंतरिक्ष की छोटी चट्टान के टुकड़े होते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो हवा के घर्षण से अत्यधिक गर्म होकर जलने लगते हैं। पृथ्वी से ये शूटिंग स्टार या टूटते तारे की तरह नजर आते हैं। जब पृथ्वी पर एक साथ कई उल्कापिंड गिरते हैं तो ये उल्काएं बौछार की तरह दिखती हैं। उल्का वर्षाउस वक्त होती है जब पृथ्वी अपनी कक्षा में घूमते हुए धूमकेतुओं के विघटन से बचे मलबे के बीच से गुजरती है।

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