फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर वारदात को दिया अंजाम, तीन आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली।। उत्तर पश्चिमी जिले के नेताजी सुभाष पैलेस में बीते शुक्रवार की शाम को हिन्दी फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर नकली सीबीआई की डॉक्टर के घर पर छापेमारी हुई, लेकिन डॉक्टर के ड्राईवर की सुझबूझ से नकली सीबीआई की टीम के महिला समेत तीन आरोपितों को पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपितों की पहचान बिट्टू, सुरेन्द्र और विभा के रूप में हुई है। जबकि पुलिस उनकी निशानदेही पर अमित और पवन की तलाश में छापेमारी कर रही है। पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से सोने और डायमंड के लाखों रुपये के गहने, 36 लाख 39 हजार छह सौ रुपये नकदी,3852 यूएस डॉलर और चार सौ ब्रिटिश पाउंड जब्त किये हैं।

 

डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि शुक्रवार शाम को मौर्या एंक्लेव पुलिस जब थाने के पास गश्त कर रही थी। अचानक एक दिल्ली नंबर की होंडा सिटी कार के चालक ने शोर मचाया था। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची तब चालक ने आपबीती बताई और बिट्टू, सुरेन्द्र और विभा को मौके पर ही दबोच लिया। जिनके पास से गहने और नकदी जो कि बैग में रखी हुई थी, जब्त कर ली। चालक तिलक राज ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने तीनों आरोपितों को नेताजी सुभाष पैलेस पुलिस के हवाले कर दिया। एसएचओ आशिष दलाल की देखरेख में पुलिस टीम को आरोपितों से पूछताछ करने और उनके फरार साथियों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया।

कोहाट एंक्लेव पीतमपुरा इलाके में रहने वाली प्रियंका अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि उसका मौर्या एंक्लेव इलाके में क्लिनिक है। तिलक राज उनके पास ड्राईवर की नौकरी करता है। शाम करीब छह बजे वह ड्राईवर और पिता क्लिनिक से घर आए थे। तभी कुछ लोग जबरन घर में घुसे,वह कुछ समझ पाते आरोपितों ने फोन छीनकर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था। उन्होंने बताया कि तुम्हारे घर में काफी काला धन रखा हुआ है। उन्होंने घर का सारा सामान तितर बितर कर दिया। बैग में जब्त सामान रख लिया। फिर ड्राईवर को कहा कि वह क्लिनिक ले चले। आरोपितों के कहने पर प्रियंका अपने ड्राईवर तिलक राज को साथ ले अपनी कार से क्लिनिक जाने लगी। जबकि एक ईक्को कार में आरोपितों के दो अन्य़ साथी पीछे पीछे चलने लगे। थाने के पास अचानक तिलक राज ने शोर मचा दिया था,जिससे आरोपित पकड़े गए।

डीसीपी ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित बिट्टू ने पीडि़त परिवार से खुद को इंस्पेक्टर विरेन्द्र बताया था। फरार अमित ने वारदात से पहले बिट्टू और उसके साले को अपने साथ लिया था। 25 की शाम अमित ने बिट्टू को फोन किया कि सुबह सुबह ही वह दिल्ली काम करने के लिए निकलेगें। सुबह सात बजे अमित और बिट्टू पानीपत से ईक्को कार से निकले। सुरेन्द्र को बहालगढ़ चौक से साथ लिया। जबकि विभा को उसके जानकार बिट्टू ने नरेला से लिया। पीतमपुरा मैट्रो स्टेशन के पास पार्क में सभी इक्ट्ठा हुए। यहां पर पवन भी उनके साथ शमिल हो गया था। पार्क में ही घंटों बैठकर योजना बनाई गई और शाम छह बजे के करीब आरोपियों ने फर्जी सीबीआई बनकर छापेमारी की थी। आरोपित स्पेशल 26 फिल्म देखकर काफी प्रभावित हुए थे।

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