आज ही के दिन गूंजा था पहली बार जन गण मन, जानिए और भी बहुत कुछ

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नई दिल्ली। राष्ट्रगान के रचयिता नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टौगोर थे और इसे पहली बार सार्वजनिक मंच पर उनकी भांजी सरला द्वारा गाया गया था। राष्ट्रगान की रचना बंगाली भाषा में की गई थी, जिसका बाद में आबिद अली द्वारा हिंदी और उर्दू में अनुवाद किया गया था।

हालांकि 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन के दौरान पहली बार राष्ट्रगान बंगाली और हिंदी भाषा में ही गाया गया था। उस वक्त स्कूल के कुछ बच्चों ने कांग्रेस अध्‍यक्ष बिशन नारायण डार, अंबिका चरण मजूमदार, भूपेंद्र नाथ बोस जैसे नेताओं के सामने इस गीत को गाया था।

यह बात शायद काफी कम लोग ही जानते हैं कि राष्ट्रगान अंग्रेजी वर्जन भी है, जिसे “द मॉर्निंग सोंग ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है। रवींद्नाथ टैगोर ने ही 1919 में राष्ट्रगान का अंग्रेजी अनुवाद किया था और अंग्रेजी संगीतकार हर्बट मुरिल्ल ने इस गीत को ऑर्केस्ट्रा पर गाया था।

14 अगस्त, 1947 को जब भारत आजाद हुआ तो संविधान सभा पहली बार बैठी, जिसका समापन “जन गण मन” के साथ किया गया। 1947 में ही जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल से राष्ट्रगान बताने को कहा गया तो महासभा को “जन गण मन” की रिकॉर्डिंग दी गई।

हालांकि इसे राष्ट्रगान का दर्जा 1950 में मिला। 24 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान पर हस्ताक्षर करने के लिए सभा बैठी और देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने औपचारिक तौर पर “जन गण मन” को राष्ट्रगान के रूप में घोषित किया।

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