Dead Body: शव के साथ डेढ़ साल: सूखी लाश और अकड़ गईं हड्डियां, फिर भी मां-बाप बोले- बेटा जिन्दा है

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कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रावतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कृष्णापुरी रोशन नगर में एक परिवार डेढ़ साल से अपने बेटे की लाश (Dead Body) के साथ रह रहा था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की एक टीम उनके घर पहुंची। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हालांकि परिजनों ने शुक्रवार की शाम शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी कर शव को परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने देर शाम पुलिस की मौजूदगी में भैरव घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में बेटे का अंतिम संस्कार भी कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक आर्डनेंस फैक्टरी के सेवानिवृति कर्मचारी राम औतार रोशन नगर में परिवार के साथ रहते हैं। उनके तीन बेटों में सबसे छोटा बेटा विमलेश (35) अहमदाबाद में इनकम टैक्स में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर (एएओ) के पद पर कार्यरत था। विमलेश की पत्नी मिताली कानपुर में ही किदवईनगर स्थित सहकारिता बैंक में नौकरी करती थी। विमलेश के पिता राम औतार ने पुलिस को बताया कि 18 अप्रैल 2021 को उनका बेटा कोरोना पॉजिटिव हो गया था। (Dead Body)

इसके बाद परिजनों ने उसे बिरहाना रोड स्थित मोती हॉस्पिटल में एडमिट कराया था, जहां उपचार के दौरान 22 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल प्रबंधन ने कोविड नियमों की अनदेखी करते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ विमलेश के शव (Dead Body) को परिजनों को सौंप दिया। वे सब घर आने के बाद बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ही रहे थे तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। बस तभी से माता-पिता उसके शव को घर के एक कमरे में रखकर उसके देखभाल करने लगे। घर में विमलेश की पत्नी मिताली के साथ ही विमलेश के दोनों सुनील, दिनेश के परिवार भी रह रहे हैं।

पिता ने बताया कि डेढ़ साल से हमारा बेटा इसी अवस्था में है। हमने उसके शरीर पर कोई केमिकल नहीं लगाया है। शरीर में कहीं पानी निकलता था तो हम उसे गंगाजल से साफ कर देते थे। उन्होंने कहा शुरुआत में कुछ महीने बदबू आई थी, पर बाद बदबू आनी बंद हो गई थी। उन्होंने कहा हमारा बेटा जिंदा है…। यह बात विमलेश के पिता राम औतार और मां रामदुलारी ने उस वक्त कही जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची थी। दरअसल, आयकर विभाग से पत्र मिलने के बाद शुक्रवार को सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ डॉ. ओपी गौतम के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी थी। (Dead Body)

कमेटी में कल्याणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अविनाश यादव, डॉ. आसिफ आदि थे। कमेटी ने बताया कि, जब वह घर पहुंचे तो विमलेश का शव (Dead Body) कमरे में एक पलंग पर पड़ा था जो ममीफाइड (ममी जैसा) हो गया था। हैलट अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी ईसीजी कराने के बाद मृत घोषित कर दिया। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या बताते हैं कि विमलेश का शव ममीफाइड हो गया था। दूर से बदबू नहीं आ रही थी। डॉक्टर्स ने बताया कि परिजनों को विमलेश के मृत होने के सुबूत भी दिए गए हैं।

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