Bank Privatisation News Today.सार्वजानिक क्षेत्र की बैंकों के दस लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारी आज से दो दिनों की हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में ग्रामीण बैंक भी शामिल हैं। बैंक कर्मी आज पुरे देश में प्रदर्शन और सभाएं के सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले हो रही इस हड़ताल का देश से 86 श्रम संगठनों तथा कर्मचारी संगठनों ने अपना समर्थ दिया है। वित्तमंत्री ने इस साल का बजट पेश करते हुए IDBI Bank बैंक के अलावा दो सरकारी बैंकों और एलआईसी के निजीकरण की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार ने बैंकों के निजीकरण के अलावा एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भी चालू वित्त वर्ष में बेंचने का फैसला किया है। बैंक यूनियनों का कहना है कि इस हड़ताल में देशभर के 10 लाख से अधिक कर्मचारी शामिल हुए हैं। पुरे देश में हड़ताल का व्यापक असर दिख रहा है। (Bank Privatisation News Today)
बैंक हड़ताल में यूनाइटेड फ्रंट और बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) में ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी) नेशनल कंफेडरेशन आफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कंफेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं। (Bank Privatisation News Today)
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएसन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने एक अपने ब्यान में कहा है की मुख्य श्रम आयुक्त के साथ चार दौर की बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका। इसलिए हमे दो दिन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। (Bank Privatisation News Today)
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से शाखाओं में जमा, निकासी, चेक क्लियरेंस, लोन मंजूरी जैसे सभी काम बंद हैं। हालांकि एटीएम सेवाएं जारी हैं। दो दिनों की हड़ताल के दौरान ऑनलाइन जैसे दूसरे ट्रांजैक्शन के विकल्प ग्राहकों के सामने उपलब्ध रहेंगी। (Bank Privatisation News Today)