दिव्या मिश्रा ने कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए स्वास्थ वातावरण का होना आवश्यक है। राज्य में किये जा रहे प्रयास से कुपोषण में कमी आई है, लेकिन इसमें तेजी से बदलाव के लिए इसके विरूद्ध जन आंदोलन के रूप में मिशन मोड में काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पोषण माह के दौरान हमें जनभागीदारी को विकसित करने का एक सुअवसर मिला है। कुपोषित मां से कुपोषित बच्चे की संभावना बढ़ जाती है। पोषण के लिए लोगों को जागरूक करने साथ लोगों को समर्थ बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई नरवा गरवा घुरवा बारी योजना का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। योजना से लोग आर्थिक रूप से ही नहीं शारीरिक रूप से सशक्त हो रहे हैं और इससे जनसमुदाय भी आपस में जुड़ रहे हैं।
वंचित तबकों के लिए काम कर रहीं रहीं डॉ.मनजीत कौर बल ने कहा कि कोविड कुपोषण को प्रभावित कर रहा है, इसलिए कुपोषण के विरुद्ध हमें दोगुनी ताकत से आना पड़ेगा। बाड़ी का उद्देश्य बेचने के उद्देश्य से ही नहीं उपभोग के उद्देश्य से भी होना चाहिए।