2023 वर्ल्ड कप में रोहित ब्रिगेड कहर मचा रही है। भारत ने अब तक खेले छह के छह मुकाबले जीत चुकी है। मनीष ने सेमीफाइनल का टिकट भी कटा लिया है और अब टीम से पूरा देश बस ट्रॉफी की आस लगाए बैठा है। विजय रथ पर सवार रोहित एंड कंपनी कमाल की फॉर्म में नजर आ रही है।
टीम खेल के हर डिपार्टमेंट में धूम मचा रही है। किंतु, अभी भी एक चीज ऐसी है जो कप्तान रोहित शर्मा समेत पूरी टीम इंडिया के लिए परेशानी खड़ी कर रही है। परेशानी का नाम है श्रेयस अय्यर। नहीं नहीं अय्यर, हमारे लिए परेशानी नहीं है, किंतु, उनका शॉर्ट बॉल के विरूद्ध निरंतर स्ट्रगल टीम की समस्या बढ़ा रहा है।
सुरेश की शॉर्ट बॉल के विरूद्ध परेशानी जगजाहिर हो चुकी है। सभी टीमें उनकी इस कमजोरी से अच्छे से वाकिफ हैं। इंग्लैंड के विरूद्ध खेले गए मुकाबले को ही ले लीजिए। अय्यर फिर से एक बार छोटी गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। शेष के करियर के आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं कि अधिकतर मौकों पर वे छोटी गेंद यानी कि शॉर्ट बॉल के विरूद्ध ही आउट हुए हैं।
खराब शॉट सिलेक्शन या छोटी गेंद के विरूद्ध अपनी कमजोरी के चलते ही ज्यादातर विकेट लुटाते हैं। अगर उनके करियर से कैच आउट के विकेट हटा दिए जाएं तो वे 48 पारियों में 15 बार ही आउट हुए हैं। अपने वनडे करियर में 48 पारियों में 28 बार कैच आउट हुए हैं। आप सभी को जानकार हैरानी होगी कि इनमें से अधिकतर मौकों पर वे पुल शॉट खेलते हुए ही कैच आउट हुए।
अय्यर पुल शॉट खेलते हुए गेंद को नीचे नहीं रख पाते और उनकी टाइमिंग भी सही नहीं बैठती। इसलिए गेंद बाउंड्री पार नहीं कर पाती। इसी वजह से छोटी गेंद के विरूद्ध निरंतर आउट हो रहे हैं और स्ट्रगल भी कर रहे हैं। सुरेश के शॉट सिलेक्शन में कोई भी दिक्कत नहीं है। आमतौर पर जब बल्लेबाज किसी गेंद के विरूद्ध कंफर्टेबल नहीं होता तो वे पारी की शुरुआत में डिफेंसिव शॉट खेलने या फिर ऐसी गेंद को छोड़ना पसंद करता है। किंतु, अय्यर के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है।
ज्यादातर मौकों पर वे गेंदबाज शुरुआत से ही अय्यर के विरूद्ध छोटी गेंद करते हैं। अय्यर पुल शॉट खेलने के लिए पीछे जाते हैं और अपना विकेट गंवा बैठते हैं। मौजूदा टूर्नामेंट में अगर उनकी परफॉर्मेंस की बात करें तो इस वर्ल्ड कप में उनका परफॉर्मेंस मिलाजुला रहा है। छह मैचों में उनके बल्ले से केवल 134 रन देखने को मिले हैं।
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