कश्‍मीर मामले को लेकर अमेरिका पर भड़के ओवैसी, कहा- ट्रंप कोई चौधरी हैं क्‍या

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नई दिल्ली।। कश्मीर के मुददा पर कई विपक्षी भी मोदी सरकार के समर्थन में खडे आ रहे हैं। कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता भी इनमें शामिल है। कश्मीर मुददे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता पेशकश पर हैदराबाद के सांसद असदुदील ओवैसी ने सवाल उठाए है।साथ ही केंन्द्र सरकार से भी इस मुददे पर सफाई देने की बात ​कही है। बता दें कि ओवैसी की यह प्रतिक्रिया कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फोन पर बातचीत के तुरंत बाद आया है।

कश्मीर से धारा 370 के प्रावधान हटाने के मुददे पर भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के दौरान बीते दिनों में पीएम मोदी और ट्रंप के बीच लगभग 30 मिनट फोन पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत पर भडकते हुए असदुदीन औवेसी ने ट्रवीट कर कहा था। कि क्या भारत में हिंदू मुसलमान समस्या है। अगर नहीं तो डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सरकार चुप क्यों है। इस बात को स्पष्ट क्यों नहीं करती क्या हम स्वीकार कर रहें हैं कि हमें दोनों समुदायों से कोई समस्या है।

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ओवैसी यहीं रूके उन्होंने आगे कहा प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन पर डोनाल्ड ट्रम्प से बात करने और एक द्रविपक्षीय मुददे पर चर्चा करने पर मुझे आश्चर्य हुआ है। पीएम मोदी के इस कदम से ऐसा लगता है कि जो ट्रम्प ने पहले कश्मीर पर दावा किया था। यह एक द्रविपक्षीय मुददा है और किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने की अनु​मति नहीं है। ओवैसी ने पूछा कि क्या ट्रम्प पूरी दुनिया के पुलिस कर्मी है या चौधरी। उन्होंने कहा है कि हम शुरू से ही यह कहते रहे हैं किे कश्मीर एक द्रविपक्षीय मुददा है। भारत का इस पर बहुत ही स्थिर रूख है। फिर प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत करने और इसकी शिकायत करने की क्या आवश्यकता थी।

दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्उ ट्रंप से फोन पर बात की थी। दोनों के बीच लगभग 30 मिनट तक बात हुई। इस दौरान द्रविपक्षीय संबंधों एवं आपसी सहयोग को लेकर भी चर्चा हुई। सीमापार से होने वाले आतंकवाद को लेकर भी बात हुई। इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि मोदी और ट्रंप के बीच 30 मिनट तक बातचीत गर्मजोशी भरी और सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई और इसमें द्रविपक्षीय,क्षेत्रीय मामले शामिल थे। हालां कि इसमें कश्मीर के मुददे पर हुई बात का जिक्र नहीं किया गया था।

फोटो- फाइल

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