इस राज्य में कोरोना से बिगड़े हालात, 13 दिन में चार गुना बढ़ी में ऑक्‍सीजन की मांग

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राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। गत माह की तुलना में जहां बीते 17 दिनों में कोरोना से मरने वालों की संख्‍या 10 गुना हो गई, वहीं बाते तेरह दिनों में राज्य में ऑक्‍सीजन (Oxygen) की मांग चार गुना बढ़ गई है। प्रदेश में भयावह हालात को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने रविवार देर रात तीन मई तक के लिए जनअनुशासन पखवाड़े के तहत कर्फ्यू बढ़ाने की घोषणा कर दी।

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सीएम की अध्‍यक्षता में रविवार शाम आयोजित कोविड समीक्षा बैठक में चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद पिछले 17 दिन के दिल दहलाने वाले आंकडे प्रस्‍तुत किए। मार्च माह में जहां 31 लोग कोरोना की भेंट चढ़े थे, वहीं इस माह पिछले 17 दिनों में 291 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। यानी मार्च की तुलना मेें अब तक मौतों की संख्‍या में करीब 10 गुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

महाजन ने बताया कि चार अप्रैल को कोरोना मरीजों को लगभग दो हजार ऑक्‍सीजन (Oxygen) सिलेंडर की सप्लाई हो रही थी जो 17 अप्रैल को बढ़कर 7524 हो गई है यानि 13 दिनों में 4 गुना मांग बढ़ी है। पंद्रह अप्रैल को प्रदेश में ऑक्‍सीजन (Oxygen) की खपत 95 मीट्रिक टन तथा 3 दिन में 125 मीट्रिक टन हो गई है। इसी रफ्तार से 30 अप्रैल तक 250 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन (Oxygen) की आवश्यकता होगी।

इन लोगों को सबसे ज्यादा जान का खतरा

उन्‍होंने बताया कि कोविड की दूसरी लहर ने इस भ्रांति को भी खत्म कर दिया है कि कोरोना से 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को जान का खतरा है। प्रदेश के एक अप्रैल से 16 अप्रैल तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 16 दिन में हुई 254 मौतों में से मात्र 150 लोग ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। उसके अलावा अधिकतर मरने वालों में 25 से 45 आयु वर्ग के थे। पिछले 16 दिन में 138 पुरुषों तथा 116 महिलाओं की मौत हो गई है।

कोविड की दूसरी लहर ने केवल शहरी इलाकों में असर का दावा भी फेल कर दिया। जहां 70 प्रतिशत मौतें शहरी क्षेत्र में हुई वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 30 प्रतिशत लोग भी कोरोना का ग्रास बने।

बीते माह मार्च में जहां 06 लाख 04 हजार 416 सैंपल लिए गए। जिसमें से 12,813 पॉजिटिव आए, 5,427 की रिकवरी हो गई और 31 लोगों की मौत हुई। इस दौरान 7,355 नए एक्टिव मरीज जुड़े। वहीं पिछले 17 दिनों में 07 लाख 86 हजार 336 सैंपल लिए। जिसमें 71,206 कैसेज सामने आए तथा 17 दिन के भीतर मौतों की संख्या करीब 10 गुना होकर 291 पर पहुंच गई। वहीं इसी दौरान 51,336 नए एक्टिव केस सामने आए।

महाजन ने बताया कि प्रदेश में चार सप्ताह पहले की तुलना में गत सप्ताह साप्ताहिक पॉजिटिव दर भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बारां जिले में 21 से 27 मार्च में जहां 1.99 फ़ीसदी पॉजिटिव दर थी, वहीं 11 से 17 अप्रैल के सप्ताह में दर बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर 26.24 प्रतिशत पर पहुंच गई यानी 100 में से 26 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वही भीलवाड़ा में 4.27 प्रतिशत से बडकर 16.77 प्रतिशत, बीकानेर में 1.40 प्रतिशत से 14.09 प्रतिशत, धौलपुर में 0.28 प्रतिशत से 16.94 प्रतिशत पर साप्ताहिक पॉजिटिव पहुंच गई है।

जोधपुर में जहां 21 से 27 मार्च में साप्ताहिक पॉजिटिव दर 5.13 प्रतिशत थी, वहीं गत सप्ताह यह बढकर 21.13 प्रतिशत पर पहुंच गई। जयपुर में 1.93 प्रतिशत से 12.20 प्रतिशत पर साप्ताहिक पॉजिटिव दर पहुंच गई है। उदयपुर में 3.44 प्रतिशत से 23.97 प्रतिशत, कोटा में 4 .04 प्रतिशत से 19. 77 प्रतिशत तथा राजसमंद में 4.92 प्रतिशत से 16.65 प्रतिशत साप्ताहिक पॉजिटिव दर पहुंच गई है। पूरे राज्य की बात करें तो 4 सप्ताह पहले जहां 2.27 प्रतिशत पर साप्ताहिक पॉजिटिव दर थी वहीं गत सप्ताह यह बढ़कर 12.9 प्रतिशत पर पहुंच गई यानी 100 में से करीब 13 लोग पॉजिटिव आ रहे हैं।

उन्‍होंने बताया कि प्रदेश में सैंपल लेने की स्थिति भी लगभग दोगुनी हो गई है। जहां 1 मार्च को करीब 35 हजार सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे थे वहीं 17 अप्रैल को आंकड़ा 65 हजार के ऊपर पहुंच गया। अब राज्य सरकार एक लाख सैंपल प्रतिदिन करने की स्थिति में पहुंच रही है।

 

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