संयुक्त राष्ट्र एवं विश्वभर के बहुत से संगठन कह चुके हैं कि अफगानिस्तान में भुखमरी बड़ रही है। यदि विश्व ने उसकी जल्द सहायता नहीं की तो ये जाड़े का मौसम वहां के आवाम के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।
मानवता के तकाजे को देखते हुए हिंदुस्तान ने 50 हजार टन गेहूं और करोड़ों रुपए की दवाइयां-मेडिकल इक्युपमेंट्स अफगानिस्तान भेजने का निर्णय लिया। तो वहीं पाकिस्तान अपनी चाल चलने की योजना बना चुका है।
जानकारी के मुताबिक ये सामान वाघा सरहद के जरिए पाकिस्तान व फिर अफगानिस्तान भेजा जाना है। इमरान खाने के देश ने 20 दिन के बाक अपने मार्ग के उपयोग को मंजूरी तो दी, मगर कुछ शर्तें रख दीं। इनसे स्पष्ट जाहिर है कि पाकिस्तान की नीयत आखिर क्या है। इसमें साजिश की बू आती है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान एक तीर से दो शिकार करना चाहता है। पहला शिकार- पाकिस्तानी वाहन जब अनाज वगैरह लेकर जाएंगे तो बीच में इस पर हाथ साफ किया जा सकता है, यानी चोरी किया जा सकता है। इन्हें अपने गोदामों में भरकर रख सकता है। तो वहीं दूसरा शिकार: ट्रकों पर पाकिस्तान का झंडा होगा। मतलब अफगानिस्तान की आवाम ये समझे कि उन्हें भूख से बचाने के लिए पाकिस्तान अनाव व जरूरी दवाईयां भेज रहा है।