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श्रावण मास में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको कई शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। इस दिन को कमला या पुरूषोत्तम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हमारे दुख और दरिद्रता दूर हो जाती है। आइए जानते हैं अष्टक्कु परमा एकादशी, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

परमा एकादशी तिथि:

परमा एकादशी व्रत श्रावण मास की दूसरी एकादशी को मनाया जाता है। यह शुभ दिन शनिवार 12 अगस्त को मनाया जाता है। परमा एकादशी पर पांच दिन तक व्रत करने का विधान है। श्रावण मास की एकादशी पंचरात्रि सबसे शुभ मानी जाती है। यह एकादशी परमा के नाम से प्रसिद्ध है, क्योंकि यदि कोई इस दिन भक्तिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करता है, तो उसकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

परमा एकादशी मुहूर्त:

पंचांग के अनुसार अधिकमास के कृष्ण पक्ष की परमा एकादशी 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 06 मिनट से शुरू हो रही है. और 12 अगस्त को सुबह 06.31 बजे समाप्त होगा।
पूजा का समय- सुबह 07 बजकर 28 मिनट से 09 बजकर 07 मिनट तक

परमा एकादशी व्रत पारायण समय:

श्रावण परमा एकादशी व्रत 13 अगस्त को प्रातः 05:49 बजे से प्रातः 08:19 बजे तक रखा जाएगा.

परमा एकादशी का महत्व क्या है?

पौराणिक कथा के अनुसार, शंकर ने परमा एकादशी व्रत का पालन करके कुबेर को धन का मुखिया बनाया था। इस व्रत के प्रभाव से सत्यवंत राजा हरिश्चंद्र को अपना पुत्र, पत्नी और राज्य पुनः प्राप्त हो गया। ऋषि कौंडिन्य के वादे के अनुसार, ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने परमा एकादशी पर पांच दिनों तक उपवास किया। इस एकादशी पर पांच दिनों तक स्वर्णदान, विद्यादान, अन्नदान, भूदान, गोदान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

परमा एकादशी व्रत और पूजा विधि क्या है?

* परमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
* इसके बाद अपने पितरों का श्राद्ध करें
* फिर विष्णु जी की पूजा करें
* ब्राह्मणों को फलाहार कराएं और उन्हें दक्षिणा दें
* इस दिन परमा एकादशी व्रत कथा सुनें
* द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में एकादशी व्रत का पारण करें

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