बस अड्डों पर भटकते रहे यात्री, लखनऊ में चार घंटे तक बसों का चक्का जाम

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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों में 50 % यात्री ले जाने पर वेतन में हुई कटौती से नाराज संविदा चालकों और परिचालकों ने गुरुवार को लखनऊ में तकरीबन 4 घंटे तक अचानक बसों का चक्का जाम कर दिया। इससे दैनिक यात्रियों के साथ दिल्ली और मुंबई से ट्रेनों से आने वाले यात्री भी बसों के इंतजार में बस अड्डों पर भटकते रहे। फिलहाल अपराह्न में बसों का संचालन सामान्य हो गया।

राजधानी लखनऊ में वेतन कटौती से नाराज संविदा चालकों और परिचालकों के बसों का चक्का जाम किए जाने से आलमबाग, चारबाग और कैसरबाग बस स्टेशन पर सुबह से करीब चार घंटे तक बसों का संचालन बाधित रहा है। इससे दैनिक यात्री ही नहीं दिल्ली, मुंबई से ट्रेनों से आने वाले यात्री भी बसों के इंतजार में बस अड्डों पर भटकते रहे। लखनऊ परिक्षेत्र के सेवा प्रबंधक सत्य नारायण और कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों के बीच हुई वार्ता से मिले आश्वासन के बाद बसों का संचालन अपराह्न में शुरू हो गया।

रोडवेज कर्मचारियों ने बताया था कि इस महामारी के समय जान जोखिम में डालकर किए जा रहे बसों के संचालन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कराया जा रहा है। इससे बीते सप्ताह डेढ़ दर्जन रोडवेज कर्मी संक्रमित हो चुके हैं।

परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रमेश चंद्र बिष्ट ने बताया कि कैसरबाग बस स्टेशन से बसों का संचालन पूरी तरह से हो रहा है। चक्का जाम के दौरान सिर्फ बाराबंकी से बसों का आवागमन लेट रहा है।

रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष रूपेश कुमार ने बताया कि जान जोखिम में डालकर काम करने पर आधा वेतन दिए जाने पर कर्मचारी भड़क गए थे। वार्ता के बाद उन्हें समझा कर बसों का संचालन शुरू करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि वेतन कटौती के मुद्दे को परिवहन निगम बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। महामारी के दौरान सवारी कम होने पर वेतन कटौती गलत है।

 

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