यूपीआई और डेबिट कार्ड से भुगतान करना अब होगा खर्चीला – RBI

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भारत में यूपीआई से भुगतान ने ना केवल डिजिटल रूप से पैसों के लेन-देन को आसान बनाया है बल्कि यह कई मामलों में लोगों के लिए व्यापार के लिए भी बेहतरीन है। अभी तक देश में यूपीआई से भुगतान पर कोई चार्ज नहीं वसूला जाता है लेकिन अब RBI ने यूपीआई से भुगतान पर चार्ज वसूलने के संकेत दे दिए हैं।

RBI ने लोगों से मांगी राय

देश के केंद्रीय बैंक ने इसके लिए एक पेपर जारी किया है। RBI ने इस पेपर पर आम लोगों से राय मांगी है। इस पेपर में यूपीआई से भुगतान करने पर चार्जेज वसूलने करने भी बात कही गई है। इस बात से एा गल रहा है कि आने वाले समय में यूपीआई से भुगतान करने पर हमें चार्जेस देना पड़ेगा।

भुगतान सेवाओं की बुनियादी संरचना तैयार करना खर्चीला

RBI ने अपने डिस्कशन पेपर में कहा है कि यूपीआई एक फंड ट्रांसफर सिस्टम के रूप में पैसों का रियल टाइम ट्रांसफर सुनिश्चित करता है। भुगतान के सेटेलमेंट की पूरी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए पीएसओ और बैंकों को जरूरी बुनियादी संरचना तैयार करने पर खर्च करना पड़ता है ताकि बिना किसी रिस्क के लेन-देन की प्रक्रिया पूरी की जा सके।

आरबीआई ने डिस्कशन पेपर में ये भी कहा है कि किसी भुगतान प्रणाली समेत किसी भी आर्थिक गतिविधि में मुफ्त सेवाओं के तर्क की कोई नहीं है, बशर्ते वह लोगों की भलाई और देश के कल्याण के लिए नहीं है। यह एक बड़ा सवाल है कि किसी सेवा को सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी संरचना तैयार करने पर जो भारी-भरकम खर्च होता है उसे कौन वहन करेगा?

यूपीआई पर चार्ज वसूलने की RBI ने बतायी ये वजह

RBI ने यूपीआई के साथ-साथ डेबिट कार्ड से लेन-देन, आरटीजीएस, एनईएफटी आदि सेवाओं पर चार्जेज लगाने पर भी आम लोगों से राय मांगी है। RBI ने कहा है कि डेबिट कार्ड पेमेंट सिस्टम, आरटीजीएस पेमेंट सिस्टम और एनईएफटी पेमेंट सिस्टम से भुगतान पर चार्ज वसूलना अतार्किक बात नहीं है क्योंकि इन सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक बुनियादी संरचना तैयार की गई है जिस पर बड़ा निवेश किया गया है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि केंद्रीय बैंक इन सेवाओं के बदले अब पैसे कमाने के विकल्प सोंच कर रहा है।

 

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