कोविड-19 आपदा की दूसरी लहर ने भारत को भयानक तरीके से प्रभावित किया हुआ है। रोजाना लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं तो हजारों मौतें हो रही हैं। जिसको लेकर सरकार की कुर्सी हिली पड़ी है। लोग बचने के लिए किए तरह के कार्य कर रहे हैं। कोई हनुमान चालिसा पड़ रहा है, तो कोई इंसानी आबादी से दूर जाकर खुद को सुरक्षित रख रहा है।
तो वहीं कोरोना आपदा को रोकने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र सहारा नज़र आ रहा है। वहीं अगर वैक्सीन को लेकर लोगों में किसी किस्म का डर बैठ जाए तो वो भी मुसीबत है। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के एक जनपद में देखने को मिल रहा है। यहां की धनोरा तहसील के तहत आने वाले गांव गदचिरोली में लोग आत्मविश्वास की कमी के चलते टीका लगवाने से परहेज कर रहे हैं।
यहां 45 से अधिक आयु के केवल 40 लोगों ने ही टीका लगवाया है। यहां लोगों को लगता है कि वे इंजेक्शन लेने के बाद मर जाएंगे। वहीं कई बुजुर्गों का मानना है कि 18 से ज्यादा आयु वाले अगर वैक्सीन लेंगे तो वे नपुंसक हो जाएंगे। आयुष कार्यकर्ता सदाशिव मंदावर ने कहा कि हम लोगों को जागरुक तथा समझाने के प्रयास कर रहे हैं, हमने वैक्सीन ली और हम बिल्कुल ठीक हैं, लेकिन उनका कहना है कि फ्रंटलाइन कर्मचारियों को कोई और टीका दिया जा रहा है।