लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जनता को साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले डीजल-पेट्रोल के दामों से थोड़ी राहत मिल सकती है। इस बारे में फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शाम साढ़े पांच बजे लखनऊ स्थित अपने आवास पर एक बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में विचार-विमर्श होगा कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर जनता को पेट्रोल डीजल की कीमतों में कितनी राहत दे सकती है।
उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के बाद राज्य सरकार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही सरकार प्रदेश में खाने-पीने की चीजों के दामों को भी नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। बीते कुछ दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टीम-9 की बैठकों में कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई कर कीमतों को कंट्रोल करने पर जोर दे रहे हैं। अब दिवाली से पहले सरकार डीजल और पेट्रोल के दामों में कमी लाने के लिए वैट की दरों पर विचार कर रही है।
इसलिए रोज घटती-बढ़ती हैं कीमतें
बता दें कि पेट्रोल-डीजल के डैम हर रोज सुबह साढ़े छह बजे निर्धारित किये जाते हैं। दरअसल पेट्रोल के दामों में सेंट्रल एक्साइज और राज्यों के टैक्स का 60 प्रतिशत हिस्सा शामिल होता है। वहीं डीजल की कीमतों का 54 प्रतिशत हिस्सा यह होता है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को रोज बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय किया जाता है।