चीन के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा की घिनौनी लड़ाई में दब रहा पेट्रोल-डीजल का मुद्दा- मायावती

img
उत्तर प्रदेश॥ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कहा कि चीन के मुद्दे को लेकर इस समय देश में कांग्रेस और भाजपा के बीच में आरोप-प्रत्यारोप की जो घिनौनी राजनीति की जा रही है, वह वर्तमान में कतई उचित नहीं है।
mayawati upkiran
उन्होंने कहा कि इनकी आपसी लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान देश की जनता को हो रहा है। इन दोनों की लड़ाई में पेट्रोल और डीजल का जो सबसे गर्म मुद्दा है कहीं न कहीं दब रहा है। देश की जनता कोरोना के कारण मुश्किल में है। दूसरी तरफ डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इसलिए जरूरी है कि सरकार इनके बढ़ते दामों पर नियंत्रण लगाए।

बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कि दलित उत्थान के लिए बसपा का गठन हुआ है। बसपा किसी के हाथ का खिलौना नहीं है। कांग्रेस ने अच्छा काम किया होता तो बसपा का गठन नहीं होता। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में होती है तो भाजपा आरोप लगाती है कि बसपा सत्तारूढ़ दल के हाथों का खिलौना है। इसी तरह जब भाजपा सत्ता में होती है तो कांग्रेस इस तरह के आरोप लगाती है।

उन्होंने कहा कि चीन के मामले पर जब हमारी पार्टी ने केन्द सरकार का समर्थन किया तो कांग्रेस ने अब इस तरह के आरोप लगाये। मायावती ने कहा ​कि जब​कि देश हित के मुद्दे पर हमने हमेशा दलगत राजनीति के ऊपर उठकर केन्द्र सरकार का साथ दिया है। बसपा चीन के मुद्दे पर भाजपा के साथ खड़ी है। मैं कांग्रेस के आरोपों से मैं सहमत नहीं हूं। उनकी हां में हां नहीं मिलाने के कारण वह ऐसे आरोप लगा रही है। उन्होंने चीन के मुद्दे पर कांग्रेस पर बेहूदी बातें करने का भी आरोप लगाया।

मायावती ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी को बता देना चाहती हूं बसपा न कभी कांग्रेस, भाजपा की प्रवक्ता रही और न भविष्य में रहेगी। बसपा सही मायने में अम्बेडकर मूवमेंट और कांशीराम के त्याग—बलिदान की प्रवक्ता है। इस किस्म की बयानबाजी या गलत आरोप लगाकर बसपा के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कामयाब नहीं होगी। बसपा के लोग इस पर अच्छी तरह जवाब देना जानते हैं।
उन्होंने गरीबों के हित में विभिन्न योजनाओं की शुरुआत को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें मिली रिपोर्ट में निष्पक्ष तरीके से गरीबों, जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिलने की बात सामने आयी है। सरकार सिर्फ अपने लोगों को ज्यादा लाभ पहुंचा रही है। जबकि ऐसे समय में दलगत राजनीति से ऊपर उठना जरूरी है।
मायावती ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। गरीब कल्याण योजनाओं की पब्लिसिटी तो बहुत हो रही है पर इसका लाभ गरीब और जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। केवल प्रचार से काम नहीं चलेगा। केवल योजनाओं को लॉन्च करने से कुछ नहीं होगा। गरीबों, जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए मॉनीटरिंग बराबर करनी होगी।
मायावती ने एक बार फिर बेरोजगारी और रोजगार के लिए लोगों के पलायन पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस केन्द्र व अधिकांश राज्यों में सत्ता में थी, तब लोग अपने राज्य से दूसरी जगह रोजगार के​ लिए जाने को मजबूर हुए। कांग्रेस के रहते लोगों ने पलायन किया। उनकी सरकार में रोजगार मिलता तो लोग पलायन नहीं करते।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस अपनी गलत नीतियों के कारण सत्ता से बाहर हुई। वहीं अब भाजपा को उनके पद्चिह्नों पर नहीं चलना चाहिए। उसे कांग्रेस से सबक लेना चाहिए।आत्मनिर्भर बनाने की बात अच्छी है, लेकिन सिर्फ पब्लिसिटी से कुछ नहीं चलेगा। योजना लागू करने से केवल कुछ नहीं होगा, लोगों तक उसका लाभ पहुंचना चाहिए।
Related News