पिगमेंटेशन अर्थात् झाइयां एक आम समस्या है। यह उम्र बढ़ने के साथ साथ होता है।मेडिकल की भाषा में पिगमेंटेशन को हाइपर पिगमेंटेशन भी कहते हैं।यह वास्तव में हमारे चेहरे की रंगत बिगाड़ देता है।पिगमेंटेशन से पीड़ित व्यक्ति छोटी उम्र में ही बूढ़ा दिखने लगता है। लोग तरह तरह के पिगमेंटेशन हटाने के उपाय करते हैं, तरह तरह के केमिकल्स का प्रयोग करते हैं लेकिन कोई फर्क नही दिखता है।
इस आर्टिकल में हम पिगमेंटेशन हटाने के उपाय के बारे विस्तार से चर्चा करेगे लेकिन पिगमेंटेशन हटाने के उपाय के बारे में चर्चा आगे बढ़ाने से पहले हम ये जानने का प्रयास करेगे कि आखिर ये हाइपर पिगमेंटेशन क्या होता है।
हाइपरपिग्मेंटेशन (Hyperpigmentation) एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा का रंग काला हो जाता है।यह मेलेनिन (जो त्वचा में कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है और त्वचा को गहरा रंग देता है), की अधिकता के कारण होता है।यह त्वचा या पूरे शरीर के रंग को प्रभावित करता है।हाइपरपिग्मेंटेशन आमतौर पर एक हानिरहित मेडिकल कंडीशन है जो कभी-कभी किसी प्रकार की अन्य मेडिकल कंडीशन (Medical condition) के कारण हो सकता है जैसे कुछ दवाएं आपकी त्वचा को काला कर सकती है और हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकती हैं।
“त्वचा में मेलेनिन (Melanin) का उत्पादन विभिन्न स्तर पर होता है, जो त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार होते हैं, हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में त्वचा के किसी एक विशेष क्षेत्र में बहुत अधिक मात्रा में मेलेनिन का उत्पादन होता है, जिससे त्वचा काली पड़ सकती है। यह हाइपरपिग्मेंटेशन है।“झाइयां किस विटामिन की कमी से होती है,झाइयां विटामिन बी9 (Folic acid) और विटामिन बी12 (Cobalamin)की कमी से होती है।
आमतौर पर हाइपरपिग्मेंटेशन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य पिगमेंटेशन निम्नवत हैं।
मेलास्मा (Melasma): यह सामान्यत: शरीर में हार्मोन में बदलाव (Hormonal changes) के कारण होता है। यह अधिकतर लड़कियों और महिलाओं में प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के समय होता है। मेलास्मा शरीर में किसी भी जगह हो सकता है लेकिन आमतौर पर पेट और चेहरे पर होता है।
सनस्पॉट्स (Sunspots): इस प्रकार के पिगमेंटेशन को “लीवर स्पॉट्स” (Liver Spots) या “लेंटिजाइंस” (Lentigines) भी कहते हैं। सनस्पॉट्स होने के चांसेज उन लोगों में ज्यादा होता है जो अधिक समय तक सूर्य के किरणों के संपर्क में रहते हैं। सनस्पॉट्स अधिकतर उन अंगों को प्रभावित करते हैं जो सूर्य की किरणों के डायरेक्ट संपर्क में रहते हैं, जैसे हाथ और पैर।
पोस्ट इन्फ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन (Post-inflammatory hyperpigmentation): यह उन लोगों में होता है जिनकी त्वचा में किसी प्रकार की चोट (injury) या सूजन (Inflammation) होता है।
आमतौर पर पिगमेंटेशन मेलानिन की अधिकता के कारण होता है, लेकिन पिगमेंटेशन कुछ निम्न कारणों की वजह से भी हो सकता है।
सनस्क्रीन का प्रयोग आमतौर पर पिगमेंटेशन हटाने के उपाय में से एक सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है। लेकिन अगर आप केमिकल की प्रयोग को ज्यादा महत्व नही देते तो मैं कुछ बहुत ही असरदार पिगमेंटेशन हटाने के उपाय बताने जा रहा हूं।
अच्छी बात ये है कि आप घर में भी इन सारे पिगमेंटेशन हटाने के उपाय को आजमा सकते हैं।
शोध से पता चलता है कि एप्पल साइडर विनेगर पिगमेंटेशन को हल्का कर सकता है क्योंकि ऐप्पल साइडर विनेगर में एसिटिक एसिड होता है।
पिगमेंटेशन हटाने के लिए एप्पल साइडर विनेगर का प्रयोग कैसे करे
पिगमेंटेशन हटाने के लिए एप्पल साइडर विनेगर का प्रयोग आप निम्न तरीके से कर सकते हैं।
=> कंटेनर में बराबर भाग एप्पल साइडर विनेगर और पानी मिलाएं।
=> इस मिश्रण को आप काले धब्बों पर लगाएं और दो से तीन मिनट के लिए छोड़ दें।
=> 2 से 3 मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो ले।
2012 के एक अध्ययन के अनुसार, एलो वेरा में एलोइन (Aloin) होता है, जो एक प्राकृतिक डिपिगमेंटिंग यौगिक (Depigmenting compound) है।यह त्वचा को हल्का करता है और एक गैर-विषैले (Non-toxic) हाइपरपिग्मेंटेशन उपचार (Hyperpigmentation treatment) के रूप में प्रभावी ढंग से काम करता है।
पिगमेंटेशन हटाने के लिए एलो वेरा का प्रयोग कैसे करे
पिगमेंटेशन हटाने के लिए एलो वेरा का प्रयोग आप निम्न तरीके से कर सकते हैं।
=> सोने से पहले शुद्ध एलोवेरा जेल को पिगमेंटेड से प्रभावित अंगों पर लगाएं।
=> सुबह गर्म पानी से धो लें।
ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट अर्थात् ग्रीन टी का अर्क।
खोजो के अनुसार, त्वचा पर ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट लगाने पर आपकी त्वचा डिपिगमेंटिंग हो सकती है।
कुछ वेबसाइटें हल्के पिगमेंटेशन के लिए ग्रीन टी बैग्स को लगाने का सुझाव देती हैं, हालांकि इस दावे का समर्थन करने के लिए अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं है।
पिगमेंटेशन हटाने के लिए ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट का प्रयोग कैसे करे
=> एक ग्रीन टी बैग को तीन से पांच मिनट के लिए उबले हुए पानी में भिगो दें।
=> टी बैग को पानी से निकालें और ठंडा होने दें।
=> टी बैग को अपने पिगमेंटेशन से प्रभावित अंगों पर रगड़ें।
खोजो के अनुसार दूध में लैक्टिक एसिड (Lactic acid) होता है जो पिगमेंटेशन में काफी हद तक प्रभावी होता है।
पिगमेंटेशन हटाने के लिए दूध का प्रयोग आप निम्न तरीके से कर सकते हैं।
=> एक कॉटन बॉल (Cotton ball) को दूध में भिगो दें।
=> इसे दिन में दो बार पिगमेंटेशन से प्रभावित अंगों पर रगड़ें।
2011 में द ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी (The British Journal of Dermatology) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि लाइकोपीन से भरपूर टमाटर का पेस्ट त्वचा को पिगमेंटेशन से बचाता है।अध्ययन प्रतिभागियों ने 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 55 ग्राम टमाटर के पेस्ट का प्रयोग जैतून के तेल में मिलाकर किया था।