Narendra Modi ने हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत परियोजना की रखी आधारशिला

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देहरादून-27 दिसंबर: हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक भव्य समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिले में स्थित 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिले में स्थित 66 मेगावाट धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखी।

Narendra Modi - PM

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिले में स्थित 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का भी शुभारंभ किया. इस ऐतिहासिक अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर और केन्द्रीय मंत्री, सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल, श्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे।

परियोजनाओं को एसजेवीएन द्वारा बिल्ड-ओन-ऑपरेट-मेंटेन (बूम) के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना और सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर और धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना ब्यास नदी पर स्थित है। (Narendra Modi)

एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि नवंबर 2020 में, प्रधानमंत्री (Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा 210 मेगावाट की लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना के लिए 1810 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी गई। परियोजना को जनवरी, 2026 तक कमीशन किया जाना निर्धारित हैl कमीशनिंग के उपरांत यह परियोजना सालाना 758.20 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी। इस परियोजना को 66 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता भी प्रदान की गई है।

लूहरी स्टेज-1 परियोजना की मुख्य विशेषता है कि परियोजना में 80 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण किया जाना है। शर्मा ने बताया कि बांध से दो मुख्य पेनस्टॉक और दो सहायक पेनस्टॉक क्रमशः 80 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों और 25 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेंगे। सरफेस पावरहाउस, बांध के टो में स्थित होगा। (Narendra Modi)

बीस लाख मानव कार्य दिवस रोजगार के अवसर सृजित

पर्यावरण के संरक्षण में योगदान करते हुए इस परियोजना से प्रतिवर्ष पर्यावरण से 6.1 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना बीस लाख मानव कार्य दिवस रोजगार के अवसर सृजित करेगी, जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य को चालीस साल के परियोजना जीवनकाल के दौरान लगभग 1140 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली से अत्यधिक लाभ होगा। (Narendra Modi)

भारत सरकार ने 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की 687.97 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी है और शर्मा ने यह भी बताया कि इस परियोजना के लिए 21.6 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता भी प्रदान की गई है। परियोजना को नवम्बर, 2025 में पूरा किए जाने का लक्ष्य हैl इस परियोजना के पूरा होने पर सालाना 304 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित होगीl (Narendra Modi)

धौलासिद्ध परियोजना की मुख्य विशेषताओं में 70 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण होना है, जो क्रमशः 33 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेगा। इस परियोजना में एक टो डैम सरफेस पावर हाउस होगा और इस परियोजना के पूरा होने पर सालाना पर्यावरण से 2.4 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी होगी। शर्मा ने कहा कि इस परियोजना के परिणामस्वरूप आठ लाख मानव कार्य दिवस रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जबकि हिमाचल प्रदेश को इस परियोजना से 461 करोड़ रुपए की मुफ्त विद्युत का लाभ होगा। (Narendra Modi)

11 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में मदद करेगी

382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के बारे में संक्षिप्त रूप से बताते हुए शर्मा ने कहा कि परियोजना की लागत 2614.51 करोड़ रुपए आंकी गई है और परियोजना के पूरा होने पर सालाना 1382 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन अनुमानित है। यह परियोजना पर्यावरण से सालाना ग्यारह लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में मदद करेगी और हिमाचल प्रदेश राज्य को लगभग 2587 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली देगी। (Narendra Modi)

तीनों परियोजनाओं के निर्माण में कुल परिव्यय 5113 करोड़ रुपए सम्मलित है तथा देश की विद्युत क्षमता में सालाना 2444 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की बढोतरी होगीl परियोजना प्रभावित परिवारों को दस साल तक प्रतिमाह 100 यूनिट मुफ्त विद्युत उपलब्ध कराने के अतिरिक्त, इन परियोजनाओं के पूरा होने से आने वाली पीढ़ियों के लिए इस क्षेत्र में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास और खुशहाली के युग का प्रारम्भ होगा। (Narendra Modi )

हिमाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त

शर्मा ने विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया कि मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण और प्रचालन में एसजेवीएन की अनुकरणीय विशेषज्ञता में विश्वास रखा है। उन्होंने (Narendra Modi ) आश्वासन दिया कि एसजेवीएन ने हमेशा अपने लक्ष्यों को हासिल किया है और इन परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

एसजेवीएन जल विद्युत, थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और पावर ट्रांसमिशन में व्यावसायिक रुचि रखता है, जिसकी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में भी उपस्थिति दर्ज है। एसजेवीएन ने कुल स्थापित क्षमता के साझा विजन- वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की परिकल्पना करके व्यवसायिक विस्तार एवं विविधीकरण के लक्ष्यों हेतु तेज़ी अपनाई है। (Narendra Modi )

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