राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सम्मानित किए गए पुलिस कर्मी, राज्यपाल बोले- ‘कानून-व्यवस्था की नींव हैं जवान’

img

देहरादून। राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (से.नि) ने मंगलवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राज्यपाल ने इस मौके पर उत्तराखण्ड पुलिस के 12 अधिकारियों व् कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं पुलिस पदकों से अलंकृत किया। विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक पूरण सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड, विमला गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी, प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड , अनिल कुमार त्यागी, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, जनपद पौड़ी गढ़वाल।

State Foundation Day'

सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक नारायण सिंह नपलच्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआईडी, सीआईडी मुख्यालय, योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार, वीरेन्द्र प्रसाद डबराल, सहायक सेनानायक (सेवानिवृत), 40 वीं वाहिनीं पीएसी, भगवान सिंह, प्लाटून कमाण्डर विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), 46 वीं वाहिनीं पीएसी श्याम सुन्दर पाण्ड उपनिरीक्षक विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), जनपद-अल्मोड़ा सुनील कुमार सिंह, फायर सर्विस चालक, जनपद-देहरादून, राकेश कुमार, लीडिंग फायरमैन, जनपद-देहरादून, वंश नारायण यादव, लीडिंग फायरमैन,जनपद-चम्पावत, खजान सिंह तोमर, लीडिंग फायरमैन,जनपद-टिहरी गढ़वाल, उत्कृष्ट थाना- पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मानकों के अनुरुप जनपद अल्मोड़ा के थाना सल्ट को उत्कृष्ट थाना- 2021 चुना गया तथा सुशील कुमार, प्रभारी निरीक्षक सल्ट को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र की कानून-व्यवस्था की नींव पुलिस है। समय के साथ पुलिस के कार्य एवं उत्तरदायित्व व्यापक होते जा रहे हैं। आज पुलिस केवल कानून व्यवस्था स्थापित करने तथा अपराधों पर नियंत्रण तक सीमित नही है। पुलिस की भूमिका रचनात्मक भी हो गई है। आज हमारी पुलिस युवाओं को उचित मार्गदर्शन देने, नशा-मुक्ति अभियान चलाने, असहाय लोगों की मदद करने, मानवीय सेवा तथा मुसीबत में पड़े लोगों तक सहायता पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, यह सराहनीय है। हमें अपनी संवेदनशीन पुलिस से ऐसी ही अपेक्षा है। राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने कहा कि पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर समन्यव आवश्यक है। आज ईफेक्टिव पुलिसिंग की आवश्यकता बढ़ गई है। पुलिस को नई परिस्थितियों के अनुसार अपनी क्षमता और टै्रनिंग में निरन्तर सुधार की जरूरत है।

आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया क्राइम भी पुलिस के समक्ष बड़ी चुनौती है। इसके लिये पुलिस विभाग में उच्च स्तरीय साइबर सेल के गठन की आवश्यकता है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका जरूरतमंदों की सहायता एवं सेवा पर केन्द्रित रही, यह अत्यन्त सराहनीय है। जरूरतमंदों को राशन, दवाईयां, मास्क, सेनेटाइजर, ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर आदि वितरित करके पुलिस अनेक असहाय लोगों के लिए आशा की किरण बनी। राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष उत्तराखण्ड राज्य ने अपनी स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर लिये हैं। आज हम पूरी तरह से युवा हो चुके हैं। एक युवा राज्य से जन अपेक्षाएं भी अधिक होंगी। निश्चित ही हमारी कार्यशैली, विजन और मिशन में और अधिक गम्भीरता की आवश्यकता होगी। हमें राज्य के विकास का रोडमैप उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, सुन्दर परम्पराओं, प्रकृति प्रेम की मान्यताओं एवं स्थानीय लोगों की भावनाओं के आधार पर बनाना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। हाल ही मैंने राज्य के कुछ पर्वतीय जिलों का दौरा किया। सच में, पहाड़ की महिलाएं स्थानीय उत्पादों एवं हस्तशिल्पों के माध्यम से क्रान्ति कर रही हैं।महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनकी आमदनी बढ़ रही हैं। यह किसी चमत्कार से कम नही है। मैं पहाड़ की परिश्रमी एवं स्वाभिमानी नारियों की प्रंशसा करता हूं। राज्यपाल ह ने कहा कि राज्य के पर्वतीय जिलों में कुछ युवाओं ने रिवर्स माइग्रेशन की बड़ी अच्छी मिसाल पेश की है। बड़े महानगरों से लौटे प्रवासी युवाओं ने अपने गांव-घरों में मशरूम की खेती, मुर्गी पालन, फलों और सब्जियों के उत्पादन से स्वरोजगार के द्वार खोले हैं।

कुछ युवा उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांण्ड के रूप में स्थापित करने के लिये प्रयासरत है। वे थिंक ग्लोबली एक्ट लोकली के वाक्य को समझ चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि देश और दुनियाभर में रहने वाले उत्तराखण्ड के प्रवासी युवाओं से अनुरोध है कि आपके गांव, घर और पहाड़ आपकी राह देख रहे हैं। आप अपनी योग्यता, प्रतिभा और क्षमता का लाभ अपने राज्य को देने का यथासंभव प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि युवा साथियों से यह भी आग्रह है कि वे ट्रांसफोर्मेशन, मॉर्डननाइजेशन, डिजिटलाइजेशन, इनोवेशन की इस यात्रा से जुड़कर देश के विकास में योगदान दें।

उन्होंने कहा कि वीरों की भूमि उत्तराखण्ड सैनिक राज्य है लेकिन अब हमें अपने बेटों के साथ ही अधिक से अधिक बेटियों को भी सैन्य सेवाओं हेतु प्रोत्साहित करना होगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि अब एनडीए के प्रवेश द्वार भी बालिकाओं के लिये खुल गये हैं। भविष्य में हमारी बेटियां भी सेना के बड़े एवं निर्णायक पदों पर पहुंचेगी। वे राष्ट्र की एकता और अखण्डता की वीर प्रहरी होंगी। मुझे आशा है कि अधिक से अधिक पहाड़ की बेटियां भी सैन्य सेवाओं में आएंगी तथा देश तथा प्रदेश को गौरवान्वित करेंगी। मेरा राज्य में रह रहे भूतपूर्व सैनिकों से आग्रह है कि राज्य की प्रगति विशेषकर रिवर्स माइग्रेशन के लिये कार्य करें। अपनी सेना की टै्रनिंग व अनुभवों का लाभ राज्य को दे। आपके समाज और राज्य को आपसे बहुत सी अपेक्षाएं हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कई घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों व आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए प्रदेश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को शीघ्र ही रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इसी योजना के अन्तर्गत 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकेगा। राज्य सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है जिसके अंर्तगत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाए । उन्होंने कहा राज्य सरकार आपदाओं का सामना त्वरित गति से करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी के परिणाम स्वरुप गत दिनों में आई आपदा का सामना हम सही प्रकार से कर सके और समय से राहत व बचाव कार्यों को संचालित कर कई लोगों की जान भी बचा सके।

उन्होंने आपदा के समय हमेशा आगे रहकर लोगों की मदद करने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ समेत सभी सम्बन्धित विभागों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन महाभियान संचालित किया जा रहा है। हाल ही में हमारे देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार किया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड, 18 वर्ष से अधिक सभी नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। शत-प्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा।

इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकल्प रहित संकल्प, नये इरादे, युवा सरकार, उत्तराखण्ड विकास के स्वर्णिम पथ पर’’ का विमोचन किया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस पत्रिका व उपवा की वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया।रैतिक परेड का नेतृत्व जन्मेजय खण्डूरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा, द्वितीय कमाण्ड एवं परेड एडजूटेन्ट के साथ किया गया। कार्यक्रम में इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव एसएस संधु , अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, श्मनीषा पंवार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

Related News