नई दिल्ली। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री फिर बदलना तय हो गया है। मुख्यमंत्री बदलने की वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन यह सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए अपशकुन ही साबित होगा। मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat news) ने बीजेपी पार्टी जेपी नड्डा को खत के ज़रिए अपना इस्तीफा भेज दिया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे में जनप्रतिधि कानून की धारा 191 ए का हवाला दिया है और कहा है कि वो अगले 6 महीने में चुनकर दोबारा नहीं आ सकते। जेपी नड्डा को भेजे अपने खत में सीएम रावत ने कहा है कि मैं 6 महीने के अंदर दोबारा नहीं चुना जा सकता। ये एक संवैधानिक बाध्यता है, इसलिए अब मैं अपने पद से इस्ताफा दे रहा हूं।
सीएम रावत ने इस्तीफे की औपचारिकता पूरी करने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। जानकारी के मुताबिक़ राज्यपाल से समय मिलते ही श्री रावत गवर्नर हाउस पहुंचकर राज्यपाल को आधिकारिक तौर पर अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
नए सीएम की तलाश करेंगे तोमर!
बदली हुई परिस्थितियों में अब बीजेपी को तुरंत ही नए सीएम की तलाश करि होगी। बीजेपी ने फिलहाल इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। तोमर शनिवार को सुबह 11 बजे देहरादून पहुंचेंगे और बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सुझाये गए नाम पर विधायकों की सहमति लेने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद ही नए सीएम की घोषणा की जायेगी।
सतपाल महाराज बन सकते हैं विकल्प!
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के साथ ही उत्तराखंड के अगले सीएम को लेकर कयासबाजियां शुरू हो गई हैं। फिलहाल,अभी चार नेताओं के नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं, इनमें सतपाल महाराज, रेखा खंडूरी, पुष्कर सिंह धामी और धन सिंह रावत शामिल हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान सतपाल महाराज को अगले सीएम के रूप में प्रोजेक्ट कर सकती है।