Power Crisis: इन 13 राज्यों में बिजली संकट गहराया, बिल भुगतान के लिए तमिलनाडु और महाराष्ट्र पर हुई कार्रवाई

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नई दिल्ली। 51 अरब रुपये ($640 मिलियन) के बिलों का भुगतान न कर पाने के चलते केंद्र सरकार ने तकरीबन 13 राज्यों को स्पॉट पावर एक्सचेंज (Power Crisis) करने से रोक दिया है। बताया जा रहा है कि सरकार नए नियम बनाने की योजना बना रही है ताकि राज्यों द्वारा बिजली के बिल का भुगतान समय पर सुनिश्चित किया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक पावर सिस्टम ऑपरेशन कार्पोरेशन के अध्यक्ष एस.आर. नरसिम्हन ने कहा है कि जब तक जेनरेटर और ट्रांसमिशन कंपनी को बिजली का भुगतान नहीं कर दिया जाता तब तक राज्य सरकारें न तो बिजली बेच सकती हैं और न ही खरीद सकती हैं। (Power Crisis)

बता दे कि बढ़ घाटे में चल रहे देश के बिजली उद्योग में राज्य द्वारा संचालित खुदरा विक्रेताओं को अक्सर सबसे कमजोर कड़ी के रूप में देखा जाता है। ऐसे में भुगतान न हो पाने की वजह से बिजली उत्पादकों से लेकर कोयला आपूर्तिकर्ताओं और परियोजना ऋणदाताओं तक के लिए मुश्किल पैदा होती है। देश की लगभग 90 फीसदी बिजली इन उपयोगिताओं के माध्यम से बेची जाती है लेकिन समय पर भुगतान न हो पाए तो बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए निवेश में बाधा आती है। (Power Crisis)

केंद्र की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिससे बिजली का भुगतान को सुनिश्चित किया जा सके। आपको बता दें कि नरसिम्हन के मुताबिक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु समेत देश के कई और राज्यों को बिजली एक्सचेंजों तक पहुंचने से रोक दिया गया है। (Power Crisis)

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