प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए दूसरी बिरादरी में की शादी, फिर जो हुआ वह चौंकाने वाला था

img

मुरादाबाद।  उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पंचायत चुनाव को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर एक शख्स ने प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए अपने भाई की पिछड़ी जाति में शादी करा दी। लेकिन नई आरक्षण लिस्ट ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया।

Firstnight Of Marriage - Bride

दरअसल, जिले में परिसीमन के बाद 643 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों का वर्ष 1995 को आधार मानकर प्रशासन ने आरक्षण सूची जारी कर दी थी। इसी सूची को आधार मानकर जिले के कुछ प्रत्याशीओ ने पिछड़ी जातियों में शादी भी की थी । क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों के आरक्षण में भी यही फार्मूला अपनाया गया था। सभी सूचियां फाइनल हो चुकी थीं।

इसी बीच लखनऊ हाईकोर्ट ने वर्ष 2015 को आधार मानकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण जारी करने के आदेश कर दिया। इसके बाद से प्रशासन नए फार्मूले के मुताबिक आरक्षण करने कर रहा है। देर शाम आरक्षण सूची जारी होने के बाद गांव की सियासत ही बदल गई है। जिन गांव को पहली सूची में अनारक्षित रखा गया था, वहां चुनाव की तैयारी करने वाले संभावित प्रत्याशियों से चेहरे पर मायूसी है।

सामने आया अनोखा मामला

आजादी के बाद पहली बार असदपुर गांव पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हुआ था। गांव का एक व्यक्ति पिछले दो साल से प्रधान पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी में लगा था। लेकिन, तीन मार्च को आरक्षण की सूची लगी तो असदपुर गांव पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हो गया था। इससे कई लोगों के सपने टूट गए।

घर पर आराम से बैठ गए। लेकिन, एक व्यक्ति ने ठान लिया कि प्रधान पद के लिए हर हाल में चुनाव लड़ना है। मैं नहीं तो क्या हुआ, कोई और चुनाव लड़ेगा। इसके चलते उन्होंने पिछड़ा वर्ग की युवती को तलाश लिया। प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने अपने छोटे भाई से युवती की शादी करा दी।

प्रधानी के लिए दूसरी बिरादरी से कर ली शादी

वोट बनवाने के लिए आधार कार्ड में संशोधन कराते हुए पिता का नाम हटाकर पति का नाम दर्ज कराया था। नई दुल्हन अभी मायके में ही है। लेकिन, उसके सहारे पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के लिए सियासी गोटियां बिछाई जा रहीं थी। पति और जेठ ने युवती को जिताने के लिए दिनरात मेहनत शुरू कर दी है।

वायदे के मुताबिक जीतने के बाद ही युवती की विदाई होनी थी। प्रधानी के लिए दूसरी बिरादरी की युवती से शादी करने का यह मामला चर्चा विषय बना। बीते रविवार को हाईकोर्ट के आदेश के नए फार्मूले पर आरक्षण की नई सूची जारी होने से गांव का आरक्षण बदल गया और शादी करने वाले परिवार में मायूसी छा गई।

Related News