बद्रीनाथ-केदारनाथ गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की शुरू हुईं तैयारियां

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज विजयदशमी के पावन पर्व पर उत्तराखंड के चारों धाम को शीतकालीन बंद करने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं । यह पहला मौका होगा जब इस वर्ष तीर्थ यात्रियों के लिए इन दोनों को बहुत ही कम समय के लिए खोला गया। कोरोना को देखते हुए इस साल बदरीनाथ-केदारनाथ यमुनोत्री, गंगोत्री तीर्थयात्रियों के लिए लगभग 2 महीने बाद दर्शन करने की अनुमति दी गई थी।

Badrinath-Kedarnath Gangotri

अब चारों धामों को बंद करने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। आइए आपको बताते हैं यह तीर्थ स्थल कौन सी तिथि को बंद होने जा रहे हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को तीन बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। रविवार को बदरीनाथ धाम में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, तीर्थयात्रियों की मौजूदगी में धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने धाम के कपाट बंद करने की तिथि घोषित की।

वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को सुबह 5:30 बजे विधि-विधान के साथ बंद होंगे। गंगोत्री मंदिर के कपाट अन्नकूट के पावन पर्व पर 15 नवंबर को दोपहर 12:15 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। दशहरा के पावन पर्व पर मंदिर समिति की बैठक में गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद करने का मुहूर्त तय किया गया। यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर को भैयादूज पर दोपहर सवा बारह बजे अभिजीत लग्न पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

मंदिर समिति के प्रवक्ता बागेश्वर उनियाल ने बताया कि इससे पूर्व मां यमुना के मायके खरशाली गांव से शनिदेव की डोली साढ़े सात बजे अपनी बहिन यमुना की डोली को लेने यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यहां आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान इस बार इन तीर्थ स्थलों पर बहुत ही कम संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे ।

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