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बेगूसराय, 23 अप्रैल। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गांव, गरीब और किसानों को पंचायती राज के माध्यम से समृद्धि के उद्देश्य से जागरूक करने के लिए समय देते हैं। इस वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तहत गांव की समृद्धि के लिए समावेशी विकास (PRIME MINISTER WILL LAUNCH INCLUSIVE DEVELOPMENT) का शुभारंभ करेंगे।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को मध्य प्रदेश के रीवा से अमृत महोत्सव-समावेशी विकास के तहत नौ अभियानों (PRIME MINISTER WILL LAUNCH INCLUSIVE DEVELOPMENT) का शुभारम्भ करने के साथ ही ''आजादी का अमृत महोत्सव-समावेशी विकास'' पर समर्पित वेबसाइट और मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ करेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव-समावेशी विकास अभियान के तहत स्वामित्व-मेरी संपत्ति, मेरा हक विषय का लक्ष्य अगस्त 2023 तक स्वामित्व योजना के तहत डेढ़ करोड़ अधिकारों का रिकॉर्ड-संपत्ति कार्ड बनाना है।

समावेशी विकास के तहत नौ अभियानों का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ (PRIME MINISTER WILL LAUNCH INCLUSIVE DEVELOPMENT) आजादी का अमृत महोत्सव की थीम ''विकास की ओर देखें कदम'' में पांच मंत्रालयों को शामिल किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का उद्देश्य जन-केंद्रित योजनाओं की संतृप्ति में लोगों की भागीदारी का उत्सव मनाना है।

समावेशी विकास के लिए नौ विषयों में समग्र आवास पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत अभिसरण, जिला स्तर पर वित्तीय साक्षरता, ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना, स्वस्थ महिला समृद्धि समाज, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के साथ प्राकृतिक खेती, आकांक्षी जिलों में पशुधन जागृति अभियान, पात्र ग्रामीण महिलाओं का सामाजिक संघटन एसएचजी नेटवर्क तथा नदी के किनारे पौधारोपण अभियान को शामिल किया गया है।

स्वामित्व- मेरी संपत्ति मेरा हक अभियान को भी प्रधानमंत्री द्वारा शुभारंभ किए जाने वाले समावेशी विकास थीम में शामिल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों का सर्वेक्षण और सुधार प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण अभियान स्वामित्व का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों के मालिकों को अधिकारों के रिकॉर्ड-संपत्ति कार्ड प्रदान करना है। इसमें संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋणों को सक्षम बनाना संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना व्यापक ग्राम स्तरीय योजना शामिल हैं। यह पंचायतों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को और बढ़ाएगा, वे आत्मनिर्भर बनेंगे।

31 मार्च 2023 तक दो लाख 39 हजार गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है। राज्यों और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच समन्वय के साथ करीब 74 हजार गांवों के लिए एक करोड़ 24 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार कर ली गई है। प्रधानमंत्री पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे। इस प्लेटफॉर्म से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को मजबूत बनाने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।

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