Tuberculosis: मरीजों के बारे में जानकारी न देने वाले निजी अस्पतालों का रद होगा लाइसेंस

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महराजगंज। जिला क्षय रोग (Tuberculosis) अधिकारी डाॅ. विवेक श्रीवास्तव ने कहा है कि जिले में टीबी के हर रोगी का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है। इसके लिए जिले के सभी निजी चिकित्सकों और पैथालॉजी लैब के संचालकों को स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी जरूरी है। यदि बिना पंजीकरण के टीबी (Tuberculosis) रोगी का इलाज किया तो न केवल अस्पताल बल्कि पैथालाजी का भी लाइसेंस निरस्त होगा, और विधिक कार्यवाही होगी।

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Tuberculosis का बेहतर इलाज सरकारी अस्पतालों में सुलभ

डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का आह्वान किया है। ऐसी स्थिति में शत प्रतिशत टीबी रोगियों का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। टीबी का बेहतर इलाज सरकारी अस्पतालों में सुलभ है।

सरकारी अस्पताल में निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण के बाद मरीज को 500 रूपये प्रतिमाह पोषण भत्ता( इलाज चलने तक) दिया जाता है और इलाज पूरी तरह निःशुल्क होता है

उन्होंने कहा कि जटिल टीबी की दवा विदेश से आयात कर सरकारी अस्पताल से इलाज कराने वाले मरीजों को मुफ्त में दी जाएगी। जो टीबी को खत्म करने की सबसे कारगर दवा है। यह दवा किसी प्राइवेट अस्पताल या मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं है।

निजी चिकित्सकों से संपर्क किया जा रहा

उन्होंने यह भी कहा कि पूरे जिले में अभियान चला कर निजी चिकित्सकों से संपर्क किया जा रहा है ताकि निजी चिकित्सक के वहां इलाज करा रहे टीबी मरीजों को पंजीकरण कराया जा सके। टीबी (Tuberculosis) रोगियों के बारे में सूचना देने वाले निजी चिकित्सक को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि इलाज करा रहा है तो उसे दवा भी उपलब्ध करायी जाएगी।

21 टीबी मरीजों का चल रहा निजी अस्पतालों में इलाज

जिला क्षय रोग (Tuberculosis) अधिकारी डाॅ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान चला कर निजी अस्पतालों पर इलाज करा रहे टीबी मरीजों को सूचीबद्ध किया गया। बीते 13 जनवरी से चल रहे अभियान के तहत 24 जनवरी तक कुल 21 टीबी रोगी ऐसे मिले हैं जो निजी अस्पतालों पर इलाज करा रहे हैं। इन सभी को निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

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