विधानसभा इलेक्शन-2022 मल्टी-कॉर्नर होगा, इस बात पर मुहर लग चुकी है। सत्ता पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला मुख्यतौर पर अखिलाश यादव की पार्टी-रालोद गठबंधन, मायावती की पार्टी और कांग्रेस के साथ होगा।
बाकी कई सारे दल और गठबंधन अलग से किसी का समीकरण बनाने-बिगाड़ने का कार्य करेंगे। इसमें सबसे नई चर्चा कांग्रेस के अकेले इलेक्शन लड़ने के ऐलान को लेकर हो रही है। क्योंकि, कांग्रेस संगठनात्मक तौर पर राज्य में बहुत ही कमजोर है। अलबत्ता बीते कई महीनों में प्रभारी महासचिव प्रियंका गाँधी ने स्थिति को जमीनी स्तर पर दुरुस्त करने की पूरजोर कोशिश की है।
इसके अलावा उन्होंने वादों का पिटारा भी खोल रखा है और औरतों को 40 % टिकट देने की घोषणा करके मैदान में खुद को बनाए रखने वाला बड़ा कदम उठाया है। मगर प्रश्न ये है कि अकेले इलेक्शन लड़ने के ऐलान के पीछे पार्टी की रणनीतिक सोच है या फिर कोई बड़ी मजबूरी ?
आपको बता दें कि प्रियंका गाँधी ने बीते कल को बुलंदशहर में घोषणा की कि 2022 के विधानसभा इलेक्शन में पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और सभी 403 सीटों पर अपने कैंडिडेट देगी। सामने से तो 40 % औरतों को टिकट देने की घोषणा के बाद यह उनका बहुत ही बोल्ड फैसला लगता है।