समय के साथ-साथ बहुत सारी चीजें बदल गई हैं। लड़कियों की शादी की उम्र भी। एक समय था जब भारत में लड़कियों की शादी काफी कम उम्र में ही कर दी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब पढ़ाई, नौकरी और करियर की वजह से लड़कियां भी देर से ही शादी करना पसंद करती हैं। हालांकि अधिक उम्र में शादी के कारण उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना सकता है। आज हम उन्हीं दिक्कतों के बारे डिसकस करेंगे।
कम उम्र में शादी करने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि पार्टनर के साथ वे आसानी से तालमेल लेती है लेकिन जब वे लंबे समय तक सिंगल और इंडिपेंडेंट रहती हैं तो उन्हें पति की पसंद-नापसंद और जरूरतों के साथ तालमेल बैठाना मुश्किल लगने लगता है जिससे रिलेशनशिप में मनमुटाव होने की संभावना बढ़ जाती है।
छोटी उम्र में लड़कियों के बहुत सारे शौक होते हैं लेकिन जैसे -जैसे उम्र बढ़ती है उनके उत्साह में कमी आने लगती है। बढ़ती उम्र में महिलाओं का फोकस घूमने-फिरने या चीजों को एक्सप्लोर करने पर नहीं बल्कि जिम्मेदारियों पर अधिक होता है।
महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र बढ़ने के साथ कम होने लगती है। एक रिसर्च में बताया गया है कि उम्र ज्यादा बढ़ने से पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही स्वस्थ बच्चा पैदा करने में कई तरह की मुश्किलें आती हैं। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक समय लगता है और गर्भपात एवं प्रसव में मुश्किल आती है। अधिक उम्र के माता-पिता से पैदा हुए बच्चों में डाउन सिंड्रोम (मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर) आदि होने का खतरा रहता है।
महिलाएं हो या पुरुष अधिक उम्र होने पर उनके सामने पार्टनर चुनने के विकल्प बेहद सीमित रह जाते हैं । समय पर शादी ना करने की वजह से कई बार घरवालों के दबाव में आकर लड़कियां बिना सोचे-समझे ही शादी कर लेती हैं लेकिन बाद में उन्हें पति के साथ एडजस्ट करने में दिक्कत आने लगती है क्योंकि कई मामलों में दोनों में आपसी सहमति नहीं बन पाती जिससे रिश्ते में मनमुटाव होने लगता है।
देर से शादी करने का विपरीत प्रभाव कपल्स की सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है। यंग कप्लस में भरपूर जोश होता है और उनके ऊपर बच्चे को लेकर कोई प्रेशर नहीं रहता लेकिन अधिक उम्र में होने पर शादी होने से कपल्स पर बच्चे पैदा करने का भी प्रेशर होता है जिससे वह अपनी मैरिड लाइफ को एंजॉय नहीं कर पाते।