Punjab Election: पंजाब में AAP की जीत के 4 अहम कारण जानें

img

Punjab Election: पंजाब में AAP स्पष्ट बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने जा रही है। पार्टी का चुनावी एजेंडा बेरोजगारी, नशे के कारोबार पर रोक, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार जैसे वादों पर केंद्रित था। पार्टी ने दिल्ली के अपने मॉडल को दिखाकर भी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश की। पंजाब में परंपरागत रूप से कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल का ही दबदबा रहा है। इस बार हालात अलग थे।

Punjab Election aap

कांग्रेस, आप, शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन और BJP-पंजाब लोक कांग्रेस गठबंधनों ने ज्यादातर सीटों पर मुकाबलों को बहुकोणीय बना दिया। चुनाव (Punjab Election) से ठीक एक महीने पहले आप ने संगरूर के सांसद भगवंत सिंह मान को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया। यह भी आप के पक्ष में गया। राज्य के मालवा प्रांत में मान एक लोकप्रिय सिख चेहरा है।

सत्ता-विरोधी मत

कांग्रेस की चन्नी सरकार के विरूद्ध जबरदस्त माहौल था। इससे सत्ता-विरोधी मत एकजुट हो गए। पंजाब में कांग्रेस न रोजगार के साधन दे पाई और न ही नशाखोरी से मुक्ति दिला सकी। भ्रष्टाचार भी जस का तस मुद्दा बना रहा। बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या रही है। 2017 में कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल की सरकार को चुनौती देने के लिए घर-घर नौकरी का वादा किया था। इसे पूरा करने में कांग्रेस पूरी तरह नाकाम रही है। 2021 के अंत में पंजाब में बेरोजगारी की दर 7.85 प्रतिशत थी।

कांग्रेस की कलह

पंजाब कांग्रेस में जो हुआ, वह किसी से छिपा नहीं है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में तनातनी थम नहीं रही है। इससे उसके वोट शेयर पर नेगेटिव असर पड़ा है। पिछले साल सितंबर में अमरिंदर सिंह से इस्तीफा ले लिया गया था। इससे सिख आबादी कुछ हद तक कांग्रेस से नाराज भी थी। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू, मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ के बीच अनबन की खबरों से पार्टी की छवि खराब हुई है।

दिल्ली मॉडल

AAP के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल दिखाकर पंजाब के मतदाताओं का ध्यान खींचा। 2014 लोकसभा चुनावों में पार्टी ने तीन सीट जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। उस समय तो दिल्ली तक में आप को एक भी सीट नहीं मिली थी। तब से पंजाब में आप को कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल का तगड़ा प्रतिस्पर्धी माना जा रहा था।

आप का चुनावी एजेंडा

आप के 10 सूत्री चुनाव एजेंडा में बेरोजगारी, नशाखोरी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे प्रमुख थे। आप ने चुनावी घोषणा (Punjab Election) पत्र में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में सुधार का वादा किया था। दिल्ली में आप की सरकार ने यह करके दिखाया है, इस वजह से लोगों का भरोसा भी हासिल किया। किसानों की समस्याओं को हल करने का वादा भी आप के पक्ष में रहा।

Related News