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Punjab News: पंजाब में अधिकांश किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। वर्तमान में 5 एकड़ तक भूमि वाले 38,000 किसान खतरे में हैं। इतना ही नहीं कर्ज में डूबे 12 प्रतिशत किसान ऐसे हैं जिनके पास 10 एकड़ जमीन है। किसानों का कर्ज माफ करने का दावा करने वाली कैप्टन सरकार भी कुछ नहीं कर पाई। कर्ज हर बार राजनीतिक दलों का मुख्य मुद्दा रहा है, मगर चुनाव नतीजों के बाद भी उनकी ओर से इस पर कुछ नहीं किया गया।

ऐसी ही स्थिति पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान की भी है, जिन्होंने किसानों को कर्ज से उबारने के लिए अभी तक कोई कृषि नीति नहीं बनाई है, जिसके चलते किसान कई बार इसका विरोध भी जता चुके हैं।

आपको बता दें कि कृषि विकास बैंकों का 3006.26 करोड़ रुपए किसानों के पास फंसा हुआ है, जिसमें से 12 फीसदी रकम अकेले बड़े किसानों के पास फंसी हुई है। कृषि विकास बैंकों ने नये ऋण देना बंद कर दिया है, क्योंकि 55,574 किसान डिफॉल्टर हो गए हैं और उन पर 3006.26 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। इन किसानों पर मूल ऋण 1444.45 करोड़ रुपये था, जिस पर 1450.01 करोड़ रुपये का ब्याज लगा है।

कर्ज की चिंता

पंजाब विधानसभा की सहकारिता एवं संबंधित मामलों की समिति ने बड़े किसानों पर बढ़ते कर्ज पर चिंता व्यक्त की है। कृषि विकास बैंकों का 10 एकड़ से अधिक भूमि वाले 3645 किसानों का 366.96 करोड़ रुपए अटका हुआ है। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक बड़े किसान पर औसतन 10.06 लाख रुपये बकाया है।
 

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