मुंबई।। रूस-यूक्रेन जंग से जर्मन कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज-बैंज की 2 बिलियन यूरो (लगभग 16,000 करोड़ रुपए) से अधिक की संपत्ति खतरे में पड़ गई है। कंपनी ने कहा है कि विदेशी कंपनियों के देश छोड़ने की स्थिति में पुतिन सरकार का उनकी संपत्ति का राष्ट्रीयकरण करने का प्रस्ताव एक करारा झटका है।
मर्सिडीज-बैंज कई ग्लोबल ऑटो कंपानियों में से एक है, जिनके पास रूस में अपने प्रोडक्शन प्लांट हैं, जिन्होंने यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बीच देश के साथ वाहनों के आयात और निर्यात को रोक दिया है।
तो वहीं, मर्सिडीज-बैंज की प्रतिक्रिया पर रूस की सत्ताधारी पार्टी यूनाइटेड रशिया ने कहा है कि एक सरकारी आयोग ने अमित्र देशों की स्वामित्व वाली 25 प्रतिशत से अधिक फर्मों की संपत्ति के राष्ट्रीयकरण की दिशा में पहले कदम को मंजूरी दी थी। पिछले हफ्ते मर्सिडीज-बैंज रूस को निर्यात रोकने वाली अन्य विदेशी कार निर्माताओं में शामिल हो गई थी।
कंपनी ने कहा था, मर्सिडीज-बैंज अगले नोटिस तक रूस के साथ-साथ रूस में स्थानीय विनिर्माण के लिए यात्री कारों और वैन के निर्यात को निलंबित कर देगी।
अन्य कार निर्माता जैसे होंडा, टोयोटा, फॉक्सवैगन, जनरल मोटर्स, जगुआर लैंड रोवर, फोर्ड और बीएमडब्ल्यू ने न केवल अपने ऑप्रेशन को निलंबित कर दिया, बल्कि अपने वाहनों को देश में निर्यात भी किया। मर्सिडीज-बैंज की मॉस्को के पास एसिपोवो में एक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट है, जहां वह ई-क्लास सेडान और एसयूवी का प्रोडक्शन करती है। इस प्लांट में लगभग 1,000 कर्मचारी हैं। इस सुविधा का उद्घाटन अप्रैल, 2019 में हुआ था।