quarantine center : क्या आपने देखा है, अंग्रेजो के जमाने का क्वारंटाइन सेंटर, सन 1900 के आस-पास अंग्रेजो ने …

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जयपुर। आज हम चर्चा करेंगे उस पुराने जमाने के क्वारंटाइन सेंटर quarantine center : क्या आपने देखा है, अंग्रेजो के जमाने का क्वारंटाइन सेंटर quarantine center, सन 1900 के आस-पास अंग्रेजो ने कराया था निर्माण Construction के बारे में​ जिसका निर्माण सन 1900 के आस-पास अंग्रेजो ने कराया था।

जी हां आपको बतादें कि, राजस्थान का एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू Mount Abu’s अपनी खूबसूरती beauty के साथ ही एक विरासत legacy भी अपने में समेटे है। आज करीब एक सदी बाद यह विरासत अपने मूल स्वरूप में उपयोगी हो गई है।

माउंट आबू Mount Abu’s  में अंग्रेजों British के जमाने का क्वारंटाइन सेंटर quarantine center बना हुआ है। बताते चलें कि, इसमे पांच छह कमरे है और एक चारदीवारी है। यदि इसे फिर से संवार दिया जाए तो यह आज भी लोगों को क्वारंटाइन करने के काम आ सकता है।

राजस्थान Rajasthan  के सिरोही जिले Sirohi District में स्थित माउंट आबू Mount Abu’s राजस्थान का एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल है और चूंकि अंग्रेंजों को पहाडो से काफी लगाव था, इसलिए यहां भी ब्रिटिशराज British Raj की कई निशान नजर आ जाते है।

राजस्थान का राजभवन आज भी गर्मियों में यहां शिफ्ट हो जाता है। इन निशानियों में से एक क्वारंटाइन सेंटर quarantine center है। माउंट आबू Mount Abu’s के प्रवेश द्वार पर ही एक कोने में यह क्वारंटाइन सेंटर बना हुआ है। यानी मुख्य शहर से बाहर की तरफ।

बताया जाता है कि इसका निर्माण अंग्रेजो ने सन 1900 के आस-पास कराया था। यहां के स्थानीय निवासी भंवर सिंह बताते हैं कि यहां टीबी, चेचक, प्लेग आदि के रोगियों को रखा जाता था।

इसे क्वारंटाइन सेंटर कहते थे, क्योंकि इन बीमारियों के रोगियों को परिवार से अलग रखने की जरूरत होती थी। माउंट आबू Mount Abu’s के सभी पुराने लोग इसके बारे में जानते हैं। वे बताते है कि यहां पास ही नाला है, जिसे यहां की स्थानीय भाषा में क्वारांटीन का धरा कहते है।

देश की आजादी के बाद इस भवन का उपयोग औषधालय, स्कूल आदि के लिए भी हुआ। नेहरू युवा केन्द्र के कुछ ग्रीष्मकालीन शिविर भी यहां लगे। अब कोरोना के मामले में क्वारंटाइन की चर्चा आने के साथ ही यह भवन भी लोगो को एकाएक याद आ गया है।

हालांकि अभी यह काफी खस्ता हालत में है। माउंट आबू नगर पालिका के आयुक्त जितेन्द्र कुमार व्यास कहते हैं कि यह माउंट आबू की विरासत Mount Abu’s legacy है। इसे सहेजने और आज की जरूरत हिसाब से काम में लेने के लिए हम विचार बना रहे है,क्योंकि लोकेशन के लिहाज से यह काफी उपयोगी हो सकता है।

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