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यूक्रेन युद्ध के बीच अचानक एक ऐसी खबर आई है जिसने सभी को चौंका दिया है। ये खबर है रूस के पुराने दोस्त भारत को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की धमकी दी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने भारत से ऐसी डिमांड की है जिसे पूरा न कर पाने की सूरत में रूस भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को तोड़ सकता है। क्या है पुतिन की वो मांग ये तो हम आपको बताएंगे ही। लेकिन पहले आपको ये बताते हैं कि अगर रूस ने भारत का साथ छोड़ा तो भारत के लिए कितनी मुश्किल खड़ी हो सकती है। दरअसल रक्षा के मामले में भारत का सबसे बड़ा सहारा रूस ही है।

एक ओर पाकिस्तान और दूसरी ओर चीन जैसे दुश्मन देशों से घिरे भारत की फौजों के लिए जिन भारी भरकम और मॉडर्न हथियारों के जखीरे की जरूरत है, उसकी सप्लाई का सबसे बड़ा जरिया रूस ही है। हालांकि भारत रूस को इन हथियारों की खरीद के एवज में मोटी रकम भी देता है, मगर फिलहाल भारत की स्थिति ऐसी नहीं है कि रूसी हत्यारों के बिना उसका काम चल सके।

ये है वो वजह जिसके चलते पुतिन ने भारत को दी रिश्ते बिगाड़ने की धमकी

हम आपको बताते हैं वो वजह जिसके चलते रूस ने भारत को ताल्लुक बिगाड़ने की धमकी दी है। दरअसल अगले महीने यानि जून में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की एक मीटिंग होनी है, जिसमें रूस पर नकेल कसने के लिए उसको ग्रे लिस्ट या ब्लैक लिस्ट में डालने की तैयारी कर ली गई है।

एक्टिविटी अब एक इंटरनेशनल संस्था है जो वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करती है। एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट या ग्रे लिस्ट में शामिल होने वाले देश की निगरानी बढ़ा दी जाती है और ऐसे में उसे न तो कोई वित्तीय सहायता मिल पाती है और उसके लिए बाकी देशों के साथ व्यापार करना बेहद मुश्किल हो जाता है। एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में अभी उत्तर कोरिया, इरान और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं। अगर रूस को फ्रंटियर की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है तो इससे रूस की इकोनॉमी को बहुत करारा झटका लगेगा।

अगर ऐसा हुआ तो रूस से खत्म हो जाएंगे सभी समझौते

पुतिन चाहते हैं कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे और उसे एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचा ले। इससे पहले रूस को एफएटीएफ से सस्पेंड किया गया था और तब भी रूस ने शिकायत की थी कि भारत ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल उसे बचाने के लिए नहीं किया। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक रूस धमकी दी है कि अगर इस बार भारत ने उसे नहीं बचाया तो भारत के साथ उसके रक्षा और ऊर्जा समझौते खत्म हो जाएंगे। अब देखना होगा कि भारत रूस की इस धमकी से कैसे निपटता है।

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