नयी दिल्ली। अंतरिक्ष में पहली बार वैज्ञानिकों ने खेती की है. दरअसल वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में मूली की फसल उगाई है. इसके बाद मूली उगने पर उसकी फसल को भी काटा गया है. अब इसे 2021 में धरती पर लाया जाएगा. नासा की अंतरिक्षयात्री और फ्लाइट इंजीनियर केट रूबिन्स ने पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में उगाई गई मूली की फसल काटी है. केट ने मूली के 20 पौधों को पैक कर के 2021 में पृथ्वी पर लाने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रख दिया है.
Space harvest complete! ????????????????
Astronauts on the @Space_Station have collected the first ever radishes grown in space. The vegetables will be safely stored and sent back to Earth for study.
Yum yum: https://t.co/lfwFWw1zso pic.twitter.com/YP18MRr5QQ— NASA 360 (@NASA360) December 3, 2020
दरअसल, नासा ने ट्विटर पर इसके बारे में जानकारी दी है. नासा ने इस एक्सपेरिमेंट का नाम प्लांट हेबिटेट-02 रखा है. मूली को स्पेस स्टेशन में उगाने के लिए इसलिए चुना क्योंकि वैज्ञानिकों को विश्वास था कि यह 27 दिन में पूरी तरह तैयार हो जाएगी. मूली की इस फसल में पोषक तत्व भी हैं और यह खाने लायक भी है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ट्विटर पर बताया गया है कि मूली अध्ययन के लिए इस्तेमाल की जाती है क्योंकि ये पौष्टिक और तेजी से उगने वाली फसल होती है. मूली तेजी से उगती है लेकिन हो सकता है इतनी तेजी से न हो.
नासा के मुताबिक, मूली को उगाने में बेहद कम देखभाल की जरूरत पड़ती है. स्पेस के जिस चैम्बर में इसे उगाया जाता है, वहां लाल, नीली और हरी और व्हाइट एलईडी लाइट की रोशनी डाली जाती है ताकि पौधे की ग्रोथ अच्छी हो. अंतरिक्ष में उगाई गई मूली की तुलना फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में उगाई गई मूली से की जाएगी.
मूली प्लांट हैबिटैट अध्ययन के लिए इस्तेमाल की जाती है क्योंकि ये पौष्टिक होने के साथ तेजी से बढ़ती है और जेनेटिक तौर पर अंतरिक्ष में अक्सर अध्ययन किया जाने वाला पौधा अराबिडोप्सिस के बराबर है. मूली को एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट में उगाया जाता है. एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट पौधे के शोध के लिए विकास का चैंबर है.