राजधानी में गिरी बौछारें, अगले 48 घंटे में प्रदेश के इन इलाकों में बारिश की संभावना, बढ़ेगी ठंड

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मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज नरम-गरम बना हुआ है। हालांकि दक्षिणी हवाओं के असर से भोपाल, सागर और जबलपुर संभाग के इलाकों में बादल छाने और उसके अगले 24 घंटों में बूंदा-बांदी की संभावना बन रही है। अगर बारिश होती है तो ठंड तेजी से बढ़ेगी।

राजधानी भोपाल में पिछले दो दिनों से बादलों ने डेरा डाल रखा है। बुधवार रात को कुछ देर के लिए बौछारें भी गिरी। इसके बाद मौसम में हल्की ठंडक घुल गई है। गुरुवार सुबह से भी बादल छाने से धीमी धूप निकली हुई है। मौसम विभाग ने गुरुवार को राजधानी भोपाल समेत आसपास के इलाकों में बौछारें गिरने की संभावना जताई है।

ग्वालियर में 22 से बदलेगा मौसम

वहीं प्रदेश के ग्वालिय संभाग में भी मौसम के मिजाज में फिर से बदलाव आने लगा है। सुबह शहर कोहरे के आगोस में डूबा रहा। मौसम विभाग के अनुसार दो चक्रवातीय घेरे बने हुए हैं। राजस्थान के ऊपर बने चक्रवातीय घेरा 22 नवम्बर को शहर के मौसम को प्रभावित करेगा। बादल छाने के साथ-साथ बारिश के आसार बनेंगे।

उत्तर से हवा चलने पर ही आएगी तेजी से गिरावट

उत्तर से पश्चिम की ओर चलने वाली हवा से तापमान में तेजी से गिरावट आती है। यह हवा जम्मू कश्मीर से अपने साथ बर्फीली ठंडक लेकर आती है। लेकिन चक्रवातीय घेरों की वजह से उत्तर-पश्चिम की हवा नहीं चल पा रही है। हवा शांत है और हवा शांत होने से तापमान बढ़ रहा है। 26 नवम्बर तक कड़ाके की ठंड से राहत रहने वाली है। क्योंकि तापमान में गिरावट के आसार नहीं है। बढ़ोत्तरी के आसार हैं।

इन तीन कारणों से बदले मौसम

अरब सागर में एक चक्रवातीय घेरा बना हुआ है। दूसरा चक्रवातीय घेरा दक्षिण पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना हुआ है। 22 नवम्बर को जम्मू कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ गुजरने वाला है। अरब सागर का चक्रवातीय घेरा कम दबाव के क्षेत्र में बदलने के आसार हैं। इन तीन कारणों से मौसम में फिर से बदलाव आएगा। 22 नवम्बर से बादल व गरज चमक के साथ बारिश के आसार बनेंगे। जहां भी चक्रवातीय घेरा विकसित होता है, वहां के तापमान में इजाफा होता है। अगर समुद्र से नमी मिल जाती है तो बारिश कराता है। राजस्थान के ऊपर बने चक्रवातीय घेरे को पश्चिम विक्षोभ व अरब सागर से नमी मिलने के आसार हैं।

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