करे लें तैयारी, नागपुर के बाद अब इस राज्य में लगेगा लॉकडाउन?

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जयपुर॥ महाराष्ट्र के नागपुर में जिस तरह कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद लॉकडाउन की घोषणा की गई है, वैसे ही हालात राजस्थान में भी हो सकते है। राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकारी एजेन्सियों की ओर से बरती जा रही ढ़िलाई के चलते यहां भी कई जिले लॉकडाउन के मुहाने पर खडे़ हो सकते है।

Lockdown

इस महीने की शुरूआत से ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है। इस कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों पर 6 राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की 72 घंटे पुरानी जांच रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य किया गया है। इन राज्यों से आने वाले लोग यह रिपोर्ट साथ ला भी रहे हैं, किंतु इस रिपोर्ट को जांचने के नाम पर बरती जा रही खानापूर्ति राज्य को कोरोना विस्फोट के मुहाने पर खड़ा कर रही है। राजस्थान में लॉकडाउन लग सकता है।

मुसाफिरों को हो रही परेशानी

सरकारी निर्देशों की पालना में राज्य के हवाई अडडों, रेलवे स्टेशनों तथा बस स्टेशनों पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों को कुर्सी-टेबल लगाकर बिठा तो दिया गया है, किंतु इन कार्मिकों की लापरवाही राज्य के कोरोना आंकड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। हवाई अडडों, रेलवे स्टेशनों तथा बस स्टेशनों पर बैठे ये कार्मिक आरटीपीसीआर टेस्ट की जांच रिपोर्ट के नाम पर न सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, बल्कि कई मुसाफिरों को तो टेस्ट रिपोर्ट जांचे बिना ही गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा है।

जयपुर हवाई अड्डे पर मुम्बई से आए एक यात्री जब ऐसे ही एक जांच केन्द्र के सामने से निकला तो उसे रोकने-टोकने की किसी चेष्टा तक नहीं की। उक्त यात्री ने सफर के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए जेब से एक हजार रूपये से अधिक की राशि खर्च की, किंतु टेस्ट रिपोर्ट जांचने के लिए बाकायदा केन्द्र बना होने तथा कार्मिकों की उपस्थिति होने के बावजूद उसकी टेस्ट रिपोर्ट नहीं जांची गई। यात्री अर्पित सुथार ने जांच केन्द्र पर तैनात कार्मिकों से उसकी टेस्ट रिपोर्ट चैक करने का अनुरोध किया तो उसे वहां से घर के लिए लौटने का कह दिया गया। सुथार को अफसोस टेस्ट रिपोर्ट के लिए चुकाई गई राशि का नहीं था, उन्हें अफसोस सरकारी तंत्र की व्यवस्था का हुआ।

नहीं है टेस्टिंग के पुख्ता इंतेजाम

राजधानी जयपुर समेत राज्य के बस स्टैण्ड़ों पर तो भीड़ का आलम यह है कि बसों में चढ़ने-उतरने वाले लोगों की टेस्ट रिपोर्ट जांचने के पुख्ता प्रबंध तक नहीं है। जिन कार्मिकों को जांच केन्द्र स्थापित कर बस स्टैण्ड़ों पर बिठाया गया है, वे टेस्ट रिपोर्ट जांचने के नाम पर केवल औपचारिकता बरत रहे है।

राज्य के सरहदी जिलों में इनदिनों कोरोना के नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा सरीखे जिलों में नए मरीजों की संख्या बीते दिनों में तेजी से बढ़ी है। कुछ मरीजों के सैम्पल कोरोना का नया स्ट्रैन जांचने के लिए दिल्ली भेजे गए हैं। इन सैम्पलों में यदि नया स्ट्रेन मिला तो समूचे राज्य के लिए यह दर्द भरी चेतावनी हो सकती है। आरटीपीसीआर टेस्ट जांचने के नाम पर की जा रही लापरवाही इसमें आग में घी डालने का काम कर सकती है।

 

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