भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें हैं जो अपने आप में कई खूबसूरत किस्सों को संजोये हुए हैं। इसमें इमारतें, महल और कई किले भी हैं। भारत के इन स्मारकों की खूबसूरती की चर्चा विश्ब भर में होती हैं। इनमें कुछ इमारतें ऐसी भी हैं, जो प्यार की मिसाल पेश करती हैं। पहले के समय में सच्चा प्यार करने वालों ने अपने प्रेम की याद में कुछ ऐसी निशानियां बनवाई थीं, जो उनके प्यार को हमेशा जिंदा रख सके। यहां कोई इमारत प्यार से जुड़ी हुई है तो कोई प्यार में हुई कुर्बानी से। आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बतायेंगे जिसे सच्चे प्रेम की निशानी कहा जाता है। यह है चित्तौड़गढ़ का मशहूर किला। (Rajasthan)
आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ का किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। इस किले का निर्माण सातवीं शताब्दी में करवाया गया था। ये किला रानी पद्मिनी और राजा रतन रावल सिंह की कभी न भुलाई जा पाने वाली प्रेम कहानी को बयां करता है। इतिहासकारों की मानें तो रानी पद्मिनी को जीतने के लिए राजा रतन रावल सिंह को काफी परीक्षाएं पास करनी पड़ी थीं। इसके बाद वे रानी को जीतकर चित्तौड़गढ़ के किले में लेकर आये थे। इस किले का सबसे आकर्षक हिस्सा सफेद रंग का है और ये तीन मंजिला है। यही रानी पद्मावती का महल है। ये महल कुंड के किनारे बसा हुआ है। यही वजह है की इसका नाम कमल कुंड है। इस किले की शिल्पकला और वास्तुकला किसी का भी मन मोह लेती है। (Rajasthan)
आपको बता दें की चित्तौड़गढ़ का ये किला एक ऐसी प्रेम कहानी की मिसाल पेश करता है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। जब भी आप राजस्थान (Rajasthan) घूमने का प्लान बनाएं यहां जरुर आएं लेकिन अप्रैल और मई में यहाँ आने का प्लान न बनाएं। दरअसल यहां गर्मी खूब पड़ती है। सर्दियों के समय यहां आने का प्लान बना सकते हैं। सितंबर-अक्टूबर का समय भी इस जगह को घूमने के लिए परफेक्ट माना जाता है क्योंकि इस दौरान न ज्यादा गर्मी होती, न ही ज्यादा सर्दी। Rajasthan)
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