रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय लेह-लद्दाख दौरे पर हैं. आज यानी सोमवार को वह सुबह 8 बजे आरएम फॉरवर्ड लोकेशन ब्रिज के उद्घाटन के लिए लेह से रवाना हुए थे. इसके बाद उन्होंने सुबह 11 बजे अग्रिम स्थानों का दौरा कर सैनिकों से मुलाकात की और दोपहर उन्होंने 1 बजे लद्दाख में कारू सैन्य स्टेशन का दौरा किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने अलग-अलग सैन्य तैयारियों का जायजा लिया, साथ ही क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत कर उनका मनोबल भी बढ़ाया.
रक्षाम मंत्री ने कहा, “मैं सबसे पहले उन सभी जवानों की स्मृतियों को नमन करता हूं जिन्होंने जून 2020 में ‘गलवान घाटी’ में देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया. मैं यह भी कहना चाहता हूं कि यह देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.” उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि 14वीं कॉर्प के 3rd डिवीजन की स्थापना 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान हुई थी. अपने स्थापना के कुछ सालों में ही 1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध में आपने निर्णायक भूमिका निभाई. कारगिल युद्ध में भी आपके वीरता के कहानियों ने देशवासियों का सिर ऊंचा किया.”
“भगवान शिव के त्रिशूल के समान कर रहे देश की रक्षा”
राजनाथ सिंह ने कहा, “आपकी वीरतापूर्ण कारनामों की वजह से ही आपको ‘त्रिशूल’ डिविजन के नाम से नवाजा गया है. आज आप भगवान शंकर के त्रिशूल के समान प्रचंड होकर, देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि सीमा पर उभरते किसी भी परिस्थिति का सामना करने में आप सक्षम हैं.”
“हमारी सेना में हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है”
इसी के साथ, रक्षा मंत्री ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा, “पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश की जानी चाहिए, लेकिन मंशा साफ होनी चाहिए. हम न तो किसी को आंख दिखाना चाहते हैं और न किसी का आंख दिखाना मंजूर है. हमारी सेना में हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है.” इससे पहले राजनाथ सिंह थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) के साथ लेह पहुंचे, जहां उन्हें जीओसी फायर एंड फ्यूरी कोर की तरफ से मौजूदा सुरक्षा स्थिति और तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई.