राज्यसभा चुनाव : मध्य प्रदेश, गुजरात व राजस्थान में मत विभाजन की प्रबल संभावना

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देश में राज्यसभा की 18 सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है। मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में दोनों दलों के बीच सीधा मुकबला है। गुजरात और राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस को अपने विधायकों को रिसॉर्ट में रखना पड़ रहा है। वैसे राज्यसभा चुनाव में भाजपा को 11 और कांग्रेस को 5 सीटें मिलने की संभावना है।

 

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात में कांग्रेस के 8 विधायकों ने गत सप्ताह इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने दो उम्मीदवार शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। दो सीटें जीतने के लिए 68 मतों की आवश्यकता है। अब उसके पास मात्र 65 विधायक बचे हैं। वहीं भाजपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। तीसरे उम्मीदवार हैं, पूर्व नेता कांग्रेस नरहरि अमीन। ऐसे में कांग्रेस तीन मतों का जुगाड़ करना पड़ेगा, जो बेहद दुरूह है।

इसी तरह मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य के भाजपा में जाने से समीकरण बदल गए हैं। इस राज्य में भी कांग्रेस ने दो उम्मीदवार दिग्विजय सिंह तथा फूल सिंह बरैया को उतारा है। दिग्विजय सिंह की सीट तो सुरक्षित है, लेकिन फूल सिंह बरैया के लिए खतरा है। यहां भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया और समर सिंह सोलंकी उम्मीदवार हैं। सिंधिया पाला बदलने से यहाँ पर कांग्रेस कमजोर हुई है।

इसी तरह राजस्थान में कांग्रेस के दो उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल और नीरज दांगी हैं। यहां पर कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार चुने जा सकते हैं। भाजपा ने भी दो उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को उतारा है। राजेंद्र गहलोत की सीट तय है, लेकिन लखावत के लिए भाजपा जुगाड़ कि कोशिश में है, जो बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।

तीनों ही राज्यों में भाजपा और कांग्रेस को दोनों को मत विभाजन की संभावना सत्ता रही है। कांग्रेस को अपने विधायकों को रिसार्ट में रखना पड़ रहा है। गुजरात में कांग्रेस के छह विधायक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। अब कांग्रेस को अपनी ताकत बचाये रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। कांग्रेस भाजपा पर धन के बल पर अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रही है।

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