Rakesh Tikait ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी, कहा- लखनऊ को दिल्ली बना देंगे

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नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में केंद्र सरकार खिलाफ मैदान में डटे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक बार फिर सरकार को कड़ी चेतावनी दे डाली है। टिकैत ने कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगें नहीं मानी तो लखनऊ को दिल्ली बना देंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आंदोलन का प्रदेश हो जायेगा। देश भर के तमाम किसान उत्तर प्रदेश में जुट कर किसान आंदोलन को धार देंगे।

Rakesh Tikait

भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि ”चार साल से गन्ने का रेट नहीं बढ़ाये गए हैं, किसानों का 12 हज़ार करोड़ रूपये अब तक का बकाया है। यूपी में जब से योगी सरकार आयी है तब से गन्ने के दामों में एक रुपये की बढ़ोतरी नहीं की गयी है। देश के 7-8 राज्यों में किसानों को बिजली फ्री मिल रही है लेकिन यूपी में ऐसा नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि ”गुजरात की सरकार को पुलिस चलाती है। उत्तर प्रदेश में भी कुछ ऐसा ही होने वाला है जहां राज्य को पुलिस स्टेट बनाने की तैयारी है।”

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किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि ”हम किसानों के बीच जाएंगे। उन्होंने बताया कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में बड़ी किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा। कैमरा और कलम पर पहरा लगाया जा रहा है। वर्तमान समय में पूरे देश को कैप्चर करके रखा गया है। ” उन्होंने कहा कि ” सरकार जब तक तीनों नए कानून वापस नहीं लेगी हमारा आंदोलन वापस नहीं होगा। हम लखनऊ को भी दिल्ली बनाने का काम करेंगे, लखनऊ के रास्ते चारों तरफ से बंद करने का काम किया जाएगा।”

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राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि ”हमने बंगाल में मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की लेकिन इसमें क्या गुनाह है। हम किसी से किसी को वोट देने की अपील नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा कि ”बीजेपी के साथ होने के दावे गलत हैं। खलिस्तानी समर्थकों को कॉल करके संसद आने की अपील से किसान आंदोलन का कोई लेना देना नहीं है, हम 14 अगस्त को ट्रैक्टर परेड करेंगे। ”

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भाकियू नेता (Rakesh Tikait) ने आगे कहा, ” कांग्रेस नेता राहुल गांधी ट्रैक्टर पर गए, अब सभी सांसदों को ट्रैक्टर से जाना चाहिए। 26 जनवरी को हमारे किसान 4 लाख ट्रैक्टर लेकर जा रहे थे, बताए रुट पर बेरिकेटिंग की गई, किसान रास्ता नहीं जानते थे इसलिए इधर उधर हो गए और हिंसा हो गयी। उन्होंने कहा लाल किले पर भले ही धार्मिक ध्वज लगाया गया था लेकिन राष्ट्रध्वज नहीं हटाया गया।”

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