इस साल रमजान का पाक महीना अप्रैल में शुरू होने वाला। अगर दो अप्रैल को चांद दिखा तो तीन अप्रैल को पहला रोजा रखा जायेगा। बताते चलें की रमजान मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे खास महीना होता है। रमजान शुरू होने के पहले दिन तमाम लोग चांद देखने के लिए मस्जिद में इकट्ठे होते हैं और जब चाँद दिख जाता हैं तो उसके अगले दिन से पहला रोजा रखना शुरू कर दिया जाता है।
ईद उल फितर का पर्व रमजान के पूरे महीने रोजा रखने के बाद मनाया जाता है। बता दें कि रमजान के इस पवित्र महीने में पूरे 30 दिन तक रोजा रहकर अल्लाह की इबादत की जाती है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक पैगंबर मोहम्मद साहब को इसी महीने में इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था। तब से इस महीने को बेहद पवित्र माना जाता है और रमजान के तौर पर मनाया जाता है।
मुस्लिम धर्म गुरु का रमजान को लेकर कहना है कि मुमकिन है कि दो की रात को चांद दिख जाये। ऐसे में इसके अगले दिन से पाक रोजा शुरू हो जायेगा। चांद रात को लोग मस्जिदों में एकत्र होंगे। मस्जिदों से ही रमजान के पाक महीने का एलान किया जाएगा। रमजान के शुरू होते ही महीना भर रोजा रखा जायेगा और तीन मई को ईद उल फितर मनाई जाएगी
रमजान के पवित्र महीने को लेकर मुस्लिम समुदाय में जोर शोर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। रमजान को इस्लामी कैलेंडर के अनुसार नौवां महीना माना जाता है। रमजान के महीने में चांद की अहम भूमिका होती। चांद के दिखने के बाद ही रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होती है।
दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस पवित्र महीने का बेसब्री से इंतजार रहता हैं। रमजान के दौरान, मुसलमानों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने आध्यात्मिक स्तर को ऊँचा रखें और ईश्वर के प्रति श्रद्धा भाव रखें।
सूरज उगने के बाद से रमजान के दौरान रोजा रखने वाले रोजा शुरू कर देते हैं और सूरज ढलने के बाद इसे खोलते हैं। सूरज उगने से पहले के समय को सहरी के नाम से जाना जाता है जबकि सूरज ढलने के बाद नमाज पढ़ी जाती है और रोजा खोला जाता है। इसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है।