हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर बन रहे दुर्लभ संयोग

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हिंदी पंचांग और शास्त्रों के अनुसार साल में चार बार नवरात्र पड़ते हैं। इनमें से चैत्र और अश्विन के नवरात्र प्रकट नवरात्र माने जाते हैं। जबकि माघ और आषाढ़ मास में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रों का पूजन विशेषतौर पर संयासी और तंत्र साधक करते हैं।

Navratri

गुप्त नवरात्रों पर मां दुर्गा की दस महाविद्याओं का पूजन किया जाता है। पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र कल 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहे हैं पर ये इस बार आठ दिन तक ही रहेगें। तो आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रों की तिथि, मुहूर्त और बन रहे विशेष संयोग के बारे में..

नवरात्रि की तिथि और घट स्थापना मुहूर्त

हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रों की शुरूआत 11 जुलाई, दिन रविवार से हो रही है। इस वर्ष तिथि गणना के हिसाब से नवरात्र की तिथिया आठ दिन तक ही रहेगी। नवरात्र की समाप्ति 18 जुलाई को नवमी की तिथि पर होगी। नवरात्री की प्रथमा तिथि 10 जुलाई को प्रातः काल 06.46 से शुरू होकर 11 जुलाई प्रातः 07.47 बजे तक रहेगी।

परंतु सूर्योदय 11 जुलाई को पड़ने के कारण घट स्थापना 11 जुलाई को की जाएगी। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05.31 से 07.47 बजे तक ही रहेगा। इस काल में विधि-विधान से घट स्थापना करना सर्वाधिक शुभ रहेगा।

प्रतिपदा पर बन रहा दुर्लभ संयोग

ज्योतिष गणना के अनुसार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि पर अति शुभ योग का निर्माण हो रहा है। नवरात्र की प्रतिपदा आद्रा नक्षत्र और सर्वाथ सिद्घ योग के दुर्लभ संयोग का निर्माण कर रही है। सभी मनोकामना पूरी करने वाला सर्वाथ सिद्घ योग 11 जुलाई को सुबह 5:31 बजे से रात 2:22 बजे तक रहेगा। इसी दिन रवि पुष्य योग भी पड़ रहा है, ये दोनों संयोग बेहद शुभकारी हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार हो कर आर ही हैं जो अच्छी वर्षा का संकेत है।

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